ईडी का दावा, शिक्षक भर्ती में 350 करोड़ से ज्यादे का हुआ घोटाला

-आरोपी की डायरी में सामने आये हैं कई चौंकाने वाले नाम

135

कोलकाता। शिक्षक भर्ती भ्रष्टाचार मामले में हाल में गिरफ्तार टीएमसी के नेता शांतनु बनर्जी की जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कोर्ट को बताया कि भ्रष्टाचार के पैसे की रकम धीरे-धीरे बढ़ रही है। यह रकम 111 करोड़ से 350 करोड़ हो गई है और आगे बढ़ने की संभावना है।

पुरुलिया की छोटी-छोटी पहाड़ियों से एवरेस्ट की चोटी तक भ्रष्टाचार पहुंच गया है। आरोपियों की डायरी में कुछ चौंकाने वाले नाम मिले हैं, जिनका कोर्ट में खुलासा करना संभव नहीं है।

ईडी के वकीलों ने शांतनु बनर्जी को ईडी की 11 दिनों की हिरासत में भेजने की मांग करते हुए कहा कि उन्हें 6 लाख की सैलरी मिलती थी। पारिवारिक कंपनी एक धोखा है।

इसे भी पढ़ेंः हिम्मत है तो गोधरा फाइल्स बनाकर दिखाएं-कुणाल घोष

ईडी ने कहा कि जब शांतनु बनर्जी के घर पर ईडी के अधिकारी पहुंचे थे, तो उनके घर में दो सरकारी अधिकारी थे। वे क्या कर रहे थे। एक एनआईए के एक न्यायाधीश के घर के सामने एक पीएसओ होता है। शांतनु के घर के सामने 2 पीएसओ हैं। इससे साफ है कि वह कितना प्रभावशाली है।
ईडी के वकील ने कहा कि साल 2015 में सामान्य मोबाइल सिम बेचने वाला एक बहुत बड़ी संपत्ति का मालिक बन गया।

इतने पैसों की संपत्ति कहां से आई ? वह 2 आई-फ़ोन इस्तेमाल करते हैं। इनके पास से काफी दस्तावेज, एडमिट कार्ड बरामद हुए हैं। विभाग से यह जानने को कहा गया है कि बरामद हुए 300 लोगों की शेष सूची में से किसे नौकरी मिली है।

ईडी के वकील ने कोर्ट को यह भी बताया कि 2 मोबाइल में सोने की खदानें मिली हैं। प्राप्त की गई कुछ सूचनाओं को एक खुले न्यायालय कक्ष में प्रकट नहीं किया जा सकता है। जैसा केस डायरी में लिखा है।

ईडी के वकील ने कोर्ट से दावा किया, आप चौंक जाएंगे कि केस डायरी में ऐसे नाम, ऐसी जानकारियां हैं। इस पर शांतनु के वकील ने कहा कि 6 दिन बाद क्यों गिरफ्तार किया गया ?

अगर गिरफ्तारी करनी ही थी थी तो पूछताछ की शुरुआत में ही क्यों नहीं की गई ? इस पर न्यायाधीश ने कहा कि आपको यह बताने की जरूरत नहीं है कि कब गिरफ्तार करना है। जांच अधिकारी समझेगा कि यह एक दिन में होगा या 50 दिनों में होगा। जो कहना है टू द प्वॉइंट कहिए। मामला पीएमएलए एक्ट का है। इस बारे में बात करें। जो जानकारी मिली है, जांच में जो निकली वो केस डायरी में होनी चाहिए।