PM मोदी को ट्वीट से ठेस पहुंची हैं, 135 लोगों की मौत से नहींः साकेत गोखले 

दूसरी शिकायत चुनाव आयोग द्वारा दायर की गई थी

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कोलकाता/गुजरातः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) के मोरबी पुल दुर्घटना स्थल पर जाने से संबंधित ट्वीट के मामले में दो बार गिरफ्तार किए गए तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता साकेत गोखले ने शनिवार को दावा किया कि उन्हें भारतीय जनता पार्टी के आदेश पर गिरफ्तार किया गया था।

उन्होंने पीएम पर भी निशाना साधा और कहा कि वह एक ट्वीट से आहत हैं लेकिन दुर्घटना में हुई मौतों से नहीं। उन्होंने शनिवार को एक ट्वीट में कहा कि मोदी एक ट्वीट से आहत हैं। 135 बेगुनाहों की मौत से नहीं।

उन्होंने कहा कि मुझे बीजेपी के आदेश पर गिरफ्तार किया गया था, जमानत मिली, फिर से गिरफ्तार किया गया और फिर से जमानत मिली – सभी 4 दिनों के अंतराल में  मैं अपनी स्वतंत्रता को बरकरार रखने के लिए माननीय न्यायपालिका का आभारी हूं।

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चुनाव आयोग को बीजेपी सहयोगी कहते हुए उन्होंने कहा कि उनके खिलाफ दूसरी शिकायत चुनाव आयोग द्वारा दायर की गई थी।

बता दें कि इससे पहले शुक्रवार को तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के प्रवक्ता साकेत गोखले को जमानत दे दी गई थी। सबसे पहले अहमदाबाद साइबर पुलिस ने कथित तौर पर फर्जी खबरें फैलाने के आरोप में मंगलवार को गोखले को गिरफ्तार कर लिया था।

गुरुवार को उन्हें इस मामले में जमानत मिल गई थी। लेकिन इसके बाद मोरबी पुलिस ने प्रधानमंत्री से संबंधित ट्वीट को लेकर उन्हें गिरफ्तार कर लिया।

15,000 रुपये के मुचलके पर मिली जमानत

शुक्रवार को अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट डी. के. चंद्रानी ने मोरबी ट्वीट मामले में 15,000 रुपये के मुचलके पर गोखले को जमानत दे दी। गोखले ने एक दिसंबर को एक समाचार क्लिप ट्वीट किया था।ॉ

इसमें सूचना का अधिकार (आरटीआई) कानून के तहत कथित तौर पर प्राप्त जानकारी के आधार पर दावा किया गया था कि पुल हादसे के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मोरबी दौरे पर 30 करोड़ रुपए खर्च हुए थे.

मंगलवार को पत्र सूचना कार्यालय ने ट्वीट कर दावा किया कि यह जानकारी गलत है. प्रधानमंत्री मोरबी शहर में मच्छू नदी पर औपनिवेशिक काल का एक पुल गिरने के अगले दिन एक नवंबर को गुजरात आए थे।

मोरबी पुल हादसे में 135 लोगों की मौत हो गई थी। अहमदाबाद में गोखले के खिलाफ दायर प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) में उन पर जालसाजी और मानहानिकारक सामग्री छापने का आरोप लगाया गया है।