प्रेसिडेंसी यूनिवर्सिटी के गेट के बाहर होगी सरस्वती पूजा !
यूनिवर्सिटी प्रबंधन ने कैंपस के अंदर नहीं दी सरस्वती पूजा की अनुमति
कोलकाताः पश्चिम बगाल की राजधानी कोलकाता के नामी शिक्षण संस्थान प्रेसिडेंसी यूनिवर्सिटी में सरस्वती पूजा करने की अनुमति नहीं मिली है। इसके बाद तृणमूल छात्र परिषद (टीएमसीपी) ने प्रेसीडेंसी यूनिवर्सिटी कैंपस के अंदर नहीं, बल्कि यूनिवर्सिटी के गेट के बाहर सरस्वती पूजा आयोजित करने का फैसला लिया है।
प्रेसीडेंसी यूनिवर्सिटी में टीएमसीपी के संयोजक प्रांतिक चक्रवर्ती ने मंगलवार को कहा कि प्रेसिडेंसी यूनिवर्सिटी प्रबंधन ने कैंपस के अंदर सरस्वती पूजा करने की अनुमति नहीं दी है। इसलिए टीएमसीपी ने यूनिवर्सिटी के गेट के बाहर सरस्वती पूजा करने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि टीएमसीपी द्वारा यूनिवर्सिटी के गेट के बाहर सरस्वती पूजा आयोजित की जायेगी।
इधर, भारतीय विज्ञान व युक्तिवादी समिति (science and rationalist association of india) ने प्रेसिडेंसी यूनिवर्सिटी प्रबंधन द्वारा कैंपस के अंदर सरस्वती पूजा की अनुमति नहीं देने के फैसला का स्वागत किया है।
बता दें कि हाल ही में टीएमसीपी ने यूनिवर्सिटी के अधिकारियों को पत्र लिखकर यूनिवर्सिटी परिसर में सरस्वती पूजा की मांग की थी, यूनिवर्सिटी ने इसकी अनुमति नहीं दी। इस पर टीएमसीपी छात्रों ने आरोप लगाया कि यूनिवर्सिटी के अधिकारी राजनीतिक उद्देश्यों और वामपंथी छात्र संगठनों की सुविधा के लिए पूजा की अनुमति नहीं दी।
हालांकि, अधिकारियों का दावा है कि प्रेसीडेंसी यूनिवर्सिटी डेरोजियन आदर्श में विश्वास करती है। इसलिए यहां कोई धार्मिक अनुष्ठान करने की अनुमति नहीं दी जा सकती है।
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यूनिवर्सिटी प्रबंधन के इस फैसले पर युक्तिवादी समिति के महासचिव मनीष रायचौधरी ने कहा कि सरकारी शिक्षण संस्थान प्रेसिडेंसी यूनिवर्सिटी ने कैंपस में सरस्वती पूजा की अनुमति नहीं देकर भारतीय संविधान की धर्मनिरपेक्षता गरिमा को बनाये रखा है। इसके लिए यूनिवर्सिटी प्रबंधन को समिति की ओर से शुक्रिया अदा करता हुं।
ধর্মনিরপেক্ষতার আদর্শে প্রেসিডেন্সি বিশ্ববিদ্যালয় এবছরও সরস্বতীপূজা না করার সিদ্ধান্ত নিয়েছে।
শাসকদলের ছাত্রপরিষদ টিএমসিপির চাপের মুখে অবিচল থাকার জন্য ভারতীয় বিজ্ঞান ও যুক্তিবাদী সমিতির তরফ থেকে ইমেইল করে সম্মানীয় ডিনকে সাধুবাদ জানানো হল।@SRAI @pusu2019 @presi200 pic.twitter.com/XmFeKpLVeS
— Manish Ray Chaudhuri (@Rational_Manish) January 24, 2023
उन्होंने कहा कि समिति की ओर से प्रेसीडेंसी यूनिवर्सिटी को एक पत्र भी लिखा गया है। जिसमें समिति ने प्रेसीडेंसी यूनिवर्सिटी से अपील की गयी है कि प्रेसीडेंसी यूनिवर्सिटी जैसे सरकारी शिक्षण संस्थानों में सरस्वती पूजा समते किसी भी तरह के धार्मिक अनुष्ठान को अनुमति नहीं दी जाये।
उल्लेखनीय है कि सरस्वती पूजा इस साल 26 जनवरी को है। प्रेसिडेंसी यूनिवर्सिटी के खासकर टीएमसीपी समर्थिक छात्रों ने कहा कि सरस्वती पूजा की अनुमति के लिए छात्रों के डीन अरुणकुमार मैइति को कई पत्र ईमेल किए गए थे, लेकिन हर बार उन्होंने लेटर में ‘कंटेंट नॉट वेरिफाइड’ लिखा है।
दूसरे शब्दों में, पूजा की अनुमति नहीं दी गई है। इसके बाद छात्र भड़क गए है। प्रेसीडेंसी की तृणमूल छत्र परिषद इकाई ने अपने फेसबुक पेज पर लिखा कि शिक्षण संस्थानों में सरस्वती पूजा होगी, कोई नकारात्मक राय नहीं हो सकती। लेकिन दुर्भाग्य से प्रेसीडेंसी में देवी सरस्वती की पूजा करना संभव नहीं है।
अधिकारियों का कहना है कि प्रेसिडेंसी विश्वविद्यायल एक धर्मनिरपेक्ष परिसर है। उन्होंने शिकायत की कि अधिकारी धर्मनिरपेक्षता का अर्थ नहीं जानते हैं। यानी हर धर्म के लोग अपने-अपने रीति-रिवाज और समारोह मना सकेंगे।
प्रेसीडेंसी के तृणमूल छत्र परिषद इकाई सचिव अरित्र मंडल ने अनुमति नहीं देने पर वामपंथी छात्र संगठन पर उंगली उठाई।
।। শ্রী শ্রী সরস্বতী মাতা সহায় ।।
দেখা হচ্ছে বৃহস্পতিবার, ২৬ তারিখ। সকাল সকাল চলে এসো সকলে।@MamataOfficial@abhishekaitc #PresidencyPujaKorche pic.twitter.com/z9awzEx0AI
— Presidency University Trinamool Chhatra Parishad (@PresidencyTMCP) January 24, 2023
इस बीच, प्रेसीडेंसी विश्वविद्यालय की एसएफआई इकाई के अध्यक्ष आनंदरूपा ने वामपंथी छात्र संगठन पर लगाए गए आरोपों को खारिज करते हुए कहा, कि यह पूरी तरह से अधिकारियों का निर्णय है। हमारा विश्वविद्यालय डेरेजियो के आदर्श का पालन करता है। यहां कोई पूजा नहीं होती है। उस प्रथा के अनुसार इस बार अनुमति नहीं दी गई है।