कोलकाताः पश्चिम बंगाल विधानसभा में शीतकालीन सत्र के दौरान अविश्वासनीय घटना शुक्रवार को घटी। विपक्ष के नेता शुभेंदू अधिकारी को शुक्रवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने चाय का आमंत्रण दिया।
सीएम ममता बनर्जी का आंमत्रण पाकर शुभेंदू विधायक अग्निमित्रा पॉल और मनोज टिग्गा के साथ विधानसभा स्थित उनके कक्ष में गये। दोनों के बीच बातचीत भी हुई है। विधानसभा में पहली बार विपक्ष के नेता शुभेंदू अधिकारी और ममता बनर्जी के बीच बैठक हुई।
बता दें कि, शुभेंदू पहले टीएमसी के विधायक और ममता बनर्जी के मंत्रिमंडल में थे, लेकिन विधानसभा चुनाव के पहले वह टीएमसी छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गये थे।
इसे भी पढ़ेंः सांसद अभिषेक बनर्जी ने केंद्रीय मंत्री पर लगाया कोयला माफिया से साठगांठ का आरोप
विधानसभा चुनाव के दौरान नंदीग्राम में ममता और शुभेंदू अधिकारी के बीच मुकाबला हुआ था। उस चुनाव में ममता बनर्जी की पराजित हुई थी। उसके बाद यह पहला अवसर है, जब सीएम और शुभेंदू के बीच मुलाकात हुई।
सीएम ममता बनर्जी ने शुभेंदु अधिकारी को चाय पर किया आमंत्रित
नए राज्यपाल के शपथ ग्रहण को लेकर राज्य की राजनीति गरमाई थी। शुभेंदू शपथ ग्रहण समारोह में शामिल नहीं हुए थे और दोष मुख्यमंत्री पर मढ़ दिया था।
Mamata Banerjee’s arrogance bites dust. It finally dawned on her that in a democratic polity, she can’t brush aside a strong opposition like the BJP. She bowed down and met LoP Suvendu Adhikari, who defeated her in Nandigram, and 3 other BJP MLAs to find middle ground on issues. pic.twitter.com/7QngfeBC4D
— Amit Malviya (@amitmalviya) November 25, 2022
उसके ठीक दो दिन बाद दोनों लोग विधानसभा में मिले। बैठक के बाद ममता ने कहा कि मैंने शुभेंदू अधिकारी को चाय के लिए बुलाया था। राज्य के विपक्षी नेता ने उस कॉल का जवाब दिया।
उस संदर्भ में शुभेंदू अधिकारी ने बताया कि यह एक ‘सौजन्य बैठक’ थी। बता दें कि बैठक के दौरान शुभेंदू अधिकारी को ममता बनर्जी ने कहा कि वे विभिन्न सरकारी कार्यक्रमों में शामिल हों, लेकिन शुभेंदु अधिकारी ने आरोप लगाया कि उन लोगों को सरकारी कार्यक्रम में आमंत्रण नहीं दिया जाता है.
सीएम ममता बनर्जी ने शुभेंदु अधिकारी के साथ की बैठक
ममता बनर्जी ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष ने बहुत कुछ कहा है। विरोधी दल के नेता कहते हैं कि उन्हें बैठक में नहीं बुलाया जाता है। बीजीबीएस में बुलाया गया था, लेकिन कोई नहीं आया।
संसद में एक भी स्थायी समिति की अध्यक्षता टीएमसी को नहीं दी गयी है। क्या यह बंगाल का अपमान नहीं है? राज्यपाल ने शपथ ली। सुकांत मजूमदार, शुभेंदु अधिकारी नहीं गए।
माकपा नेता बिमान बोस आये थे। उनका धन्यवाद। आप सभी 15 दिसंबर को फिल्म फेस्टिवल में आएं। माकपा ने शिक्षक संस्थाओं को पार्टी कार्यालय में बदल दिया गया। यूपी में 70% सीटें निर्विरोध जीती है।
1-2 घटनाएं होने पर बहुत बुरा लगता है। आप बंगाल के विकास की बात क्यों नहीं करते हैं। उन्होंने साफ मिलकर बंगाल के विकास के लिए काम करने का आह्वान किया।