अणुव्रत जेल में पर ममता उन पर मेहरबान

उनकी बनाई सिस्टम के तहत लोकसभा चुनाव लड़ेगी तृणमूल कांग्रेस

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कोलकाता, सूत्रकार : लोकसभा चुनाव से पहले प्रदेश की सीएम ममता बनर्जी ने एक बड़ा कदम उठाया है। उन्होंने मंगलवार को बीरभूम की कोर कमेटी को भंग कर दिया। जिस जिले में कभी अणुव्रत मंडल का दबदबा था, वहां उनकी अनुपस्थिति में तृणमूल सुप्रीमो ने एक बार फिर रणनीति बदल दी। अणुव्रत मंडल के जेल जाने के बाद तृणमूल नेता काजल शेख को नई जिम्मेदारी दी गयी थी। उन्हीं को सामने रखकर कोर कमेटी का गठन किया गया था। कुछ महीनों के बाद सीएम ने फिर एक बार इसे बदल दिया। उन्होंने इस बार कोर कमेटी से काजल शेख को बाहर का रास्ता दिखा दिया है।

मवेशी तस्करी में गिरफ्तार अणुब्रत मंडल उर्फ ​​केष्टो इस समय दिल्ली के तिहाड़ जेल में हैं, लेकिन लोकसभा चुनाव उनकी रणनीति से बीरभूम में किया जाएगा। ऐसा निर्देश मंगलवार को कालीघाट में बीरभूम के नेताओं के साथ आयोजित एक बैठक में तृणमूल सुप्रीमो और प्रदेश की सीएम ममता बनर्जी ने दिया। उन्होंने स्पष्ट कहा कि केष्टो की रणनीति को न केवल अपनाया जाना चाहिए, बल्कि उसके किसी भी समर्थक को छोड़ा नहीं जा सकता।

लोकसभा चुनाव सामने हैं। राजनीतिक पार्टियां अभी से रणनीति तय करने में जुट गई हैं। तृणमूल सुप्रीमो ममता बनर्जी जिलेवार बैठक कर रही हैं। उत्तर 24 परगना, मुर्शिदाबाद के बाद उन्होंने इसी दिन कालीघाट में बीरभूम के नेताओं के साथ बैठक की। अणुव्रत मंडल लंबे समय तक बीरभूम के प्रभारी रहे, लेकिन फिलहाल वह तिहाड़ जेल में कैद हैं। ऐसे में सबकी निगाहें इस पर थीं कि ममता बनर्जी बीरभूम को लेकर क्या फैसला लेती हैं। आज की बैठक में यह साफ हो गया है कि ममता का भरोसा अभी भी केष्टो पर है। इस बार भी चुनाव केष्टो सिस्टम से होना चाहिए। इसके अलावा, पार्टी नेता ने स्पष्ट रूप से निर्देश दिया कि अणुव्रत के किसी भी करीबी को पार्टी या मतदान कर्तव्यों से बाहर नहीं किया जा सकता है।

बैठक से बाहर आकर तृणमूल सांसद शताब्दी रॉय ने कहा कि सीएम ने पार्टी के नेताओं से चर्चा की है कि काम कैसे किया जाएगा। उन्होंने एक कमेटी का गठन किया है। बाकी जिम्मेदारी समय आने पर बतायी जायेगी। शताब्दी ने साफ कहा कि केष्टो की जगह कोई नहीं ले सकता अगर किसी ने सोचा कि उनकी जगह ले लेगा तो यह संभव नहीं है।

पांच सदस्यों की नई कोर कमेटी  

नव सदस्यों की कोर कमेटी को तोड़कर सीएम ने पांच सदस्यों की नई कोर कमेटी बनाई है। चुनाव से पहले इस फैसले को बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है। ममता ने वहां बड़े बदलाव का ऐलान किया है। सूत्रों के मुताबिक नई कोर कमेटी में चंद्रनाथ सिन्हा, विकास, राणा, सुदीप्त और आशीष बनर्जी को रखा गया है। सूत्रों के मुताबिक काजोल शेख को सिर्फ नानूर की जिम्मेदारी दी गई है। परिणामस्वरूप, भले ही अणुव्रत भौतिक रूप से मौजूद नहीं हैं, लेकिन राजनीतिक हलकों को लगता है कि उनका प्रभाव फिर से स्पष्ट हो रहा है।

गौरतलब है कि बीरभूम के तृणमूल जिला अध्यक्ष अणुब्रत मंडल थे। जेल जाने के बाद भी उनके पास वह पद था। बाद में तिहाड़ जेल जाने के बाद ममता ने जिला अध्यक्ष का पद खाली रखा। उन्होंने बीरभूम की कमान स्वयं संभाली। साथ ही कोर कमेटी का भी गठन किया था।