उत्तराखंड के जोशीमठ में आए संकट को लेकर एक्शन में केंद्र सरकार
केंद्र सरकार इस हालत पर नजर बनाए हुए है।
देहरादून । उत्तराखंड के जोशीमठ में जमीन दरकने से सैकड़ों घरों, होटलों व अन्य प्रतिष्ठानों में बड़ी दरारें पड़ गई हैं। अब इस स्थिति के बाद वहां के हालात चिंताजनक बने हुए हैं।
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वहीं केंद्र सरकार इस हालत पर नजर बनाए हुए है। इस विषय पर प्रधानमंत्री कार्यालय में रविवार को एक महत्वपूर्ण बैठक की गई। प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव डॉ. पी. के. मिश्रा ने पीएमओ में कैबिनेट सचिव और भारत सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों तथा राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सदस्यों के साथ जोशीमठ के हालात को लेकर एक उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की।
दरअसल उत्तराखंड में आई इस बड़ी आपदा पर प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा बुलाई गई महत्वपूर्ण बैठक में जोशीमठ के जिला पदाधिकारी भी मौजूद थे साथ ही ग्राउंड जीरो पर मौजूद जोशीमठ के जिला पदाधिकारी इस समीक्षा बैठक में वीडियो कांफ्रेंस से शामिल हुए। उत्तराखंड के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से समीक्षा बैठक में शामिल हुए।
ज्ञात रहे कि जोशीमठ की सड़कों, घर, ऑफिस, मैदान, होटल, स्कूल आदि में भूमि दरकने के कारण बड़ी-बड़ी दरारें आ गई है। जिसके कारण ये भवन रहने के लिए असुरक्षित हो गए हैं, इसी को देखते हुए जोशीमठ में तमाम डेवलपमेंटल गतिविधियां भी रोक दी गई हैं। जैसे रोपवे, जल, विद्युत के लिए काम कर रहा कंपनियों ने काम रोक दिए हैं. सरकार ने यहां अन्य प्रकार के काम भी रोक दिए हैं।
इस स्थिति पर केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट का कहना है कि ऐसे मामले में हालात थोड़े गंभीर तो रहते ही हैं, भय भी रहता है। केंद्र सरकार इस पूरे मामले की मॉनिटरिंग कर रही है, राज्य सरकार ने तत्काल प्रभाव से लोगों को शिफ्ट कर दिया है। उनकी सारी व्यवस्थाएं की गई है जिसमें भोजन, पानी, दवा, डॉक्टर सभी सुविधाएं शामिल हैं। मुख्यमंत्री ने इस विषय में बैठक ली है और कई बड़े फैसले लिए हैं। हमारा पहला कर्तव्य है हम हर हाल में वहां प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थान पर ले जाएं।
बता दें कि अब तक 603 घरों में दरारें आ गई हैं। कई घर गिरने की कगार पर हैं। इसके चलते शुक्रवार को भी प्रशासन ने 6 और परिवारों इलाके से शिफ्ट किया है। इसके बाद यहां से अब तक 44 परिवारों को शिफ्ट किया जा चुका है। इनके घर पूरी तरह से धराशायी होने की स्थिति में हो गए हैं। दीवारों में बड़ी-बड़ी दरारें आ गई हैं और फर्श तक धंस चुके हैं।