नहाय-खाय के साथ आज से चैती छठ महापर्व शुरू

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रांची : हिंदू धर्म में चैती छठ महापर्व का विशेष महत्व है। यह पर्व वर्ष में दो बार मनाया जाता है. प्रथम चैत्र माह में और द्वितीय कार्तिक माह में. हिंदू पंचांग के मुताबिक चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को विधिवत छठ का पावन पर्व मनाते हैं. इस व्रत की शुरुआत नहाए खाए के साथ होती है. इसके पश्चात निरंतर 36 घंटे तक निर्जला व्रत महिलाएँ रखती है, फिर भगवान सूर्य देव को जल का अर्घ्य देने के पश्चात अपना व्रत खोलती है.

नहाय खाय छठ पूजा का महत्वपूर्ण हिस्सा है. इस दिन व्रती महिलाएं पवित्र नदी में स्नान करने के बाद पूजा-अर्चना करती हैं. इसके पश्चात् मिट्टी के चूल्हे पर अरवा चावल, कद्दू की सब्जी और चने की दाल की सब्जी प्रसाद के तौर पर बनाया जाता है. यह महापर्व नवरात्रि की तर्ज पर साल में दो बार मनाया जाता है. छठ करने वाले व्रती आज पवित्र गंगा नदी, जलाशय या अपने घरों में गंगाजल मिलाकर स्नान, पूजा के बाद प्रसाद के रूप में अरवा चावल, सेंधा नमक से बने चना की दाल,लौकी की सब्जी आदि ग्रहण कर चार दिवसीय अनुष्ठान का संकल्प लेंगी.

आज चैत्र शुक्ल चतुर्थी शुक्रवार को रोहिणी नक्षत्र व आयुष्मान योग में नहाय-खाय के साथ महापर्व शुरू हो रहा है. वही 13 अप्रैल को मृगशिरा नक्षत्र व सौभाग्य एवं शोभन योग के युग्म संयोग में व्रती पुरे दिन निराहार रह कर संध्या में खरना का पूजा कर प्रसाद ग्रहण करेंगी. खरना के पूजा के बाद व्रतियों का 36 घंटे का निर्जला उपवास शुरू हो जायेगा . चैत्र शुक्ल षष्ठी 14 अप्रैल दिन को आर्द्रा नक्षत्र व गर करण के सुयोग में डूबते सूर्य को अर्घ तथा पुनर्वसु नक्षत्र व सुकर्मा योग में व्रती 15 अप्रैल को उगते सूर्य को अर्घ देकर पूरे तप और निष्ठा के साथ इस महाव्रत को पूर्ण करेंगी.

चैती महापर्व छठ को लेकर बाजार में दउरा, सूप, नारियल, गेहूं, अरवा चावल आदि की खरीदारी देर रात तक चलता रहा. नहाय-खाय को लेकर गुरुवार को अरवा चावल, चना दाल, कद्दू, आंवला, फूलगोभी और धनिया पत्ती की बिक्री हुई. दुकानदारों ने बताया कि कार्तिक महापर्व छठ लोग करते हैं, लेकिन छठ पूजा से संबंधित आइटम का स्टॉक रखना पड़ता है. वहीं दउरा 150- 200 रुपये प्रति पीस, सूप 60-70 रुपये पीस, छोटा सूप 30 रुपये प्रति पीस, मिट्टी का चूल्हा 100- 150 रुपये प्रति में बिक रहा है.

 

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