बजट के दौरान विपक्ष पर बरसीं सीएम ममता बनर्जी

64

कोलकाता,सूत्रकार:  विधानसभा में भाजपा विधायकों ने बजट पर हंगामा किया। इसके बाद मुख्‍यमंत्री ममता बनर्जी गुस्‍से में आ गईं। वो अपनी सीट पर खड़ी हो गईं। उन्‍होंने विपक्ष पर हमला बोलते हुए कहा कि धिक्कार है।

आप लोग बजट तक नहीं पढ़ने दे रहे। आप लोग बंगाल और बंगाली विरोधी हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर विपक्ष की कोई राय है तो वे बजट पूरा होने के बाद इस पर चर्चा कर सकते हैं। उन्हें अपनी राय व्यक्त करने की आजादी है।

लेकिन यह कोई भाजपा कार्यालय नहीं है। यह विपक्ष के लिए राजनीति करने की जगह नहीं है। सीएम ने कहा कि लोगों को यह जानने का अधिकार है कि हमने क्या काम किया है। हम इस तरह की गंदी राजनीति नहीं करते हैं।

उन्होंने हंगामा कर रहे भाजपा विधायकों को लेकर कहा कि वे राज्य के खिलाफ हैं। बंगाल विरोधी हैं। वे बंगाल के लोगों का भला नहीं चाहते। उन्होंने भाजपा के विधायकों से कहा कि क्या आपको शर्म नहीं आती कि आप हमें बजट पेश नहीं करने दे रहे हैं? आपकी राय बजट पर भाषण के बाद व्यक्त की जा सकती है। ध्यान रहे कि यह विधानसभा है।

बनर्जी ने आगे कहा कि आपको याद रखना चाहिए कि आपने 147 सांसदों को संसद से निलंबित किया था। लेकिन हम उस रास्ते पर नहीं जाना चाहते हैं। आप कमजोर हो सकते हैं, हम नहीं। हम इससे लड़ेंगे। अगर आपमें हिम्मत है तो बजट पेश होने दीजिए, उसके बाद बोलिए। उससे पहले नहीं।

पीएम पर हुईं हमलावर

बजट खत्म होने के बाद मुख्यमंत्री ने विधानसभा में अपने चेंबर में प्रेस कॉन्फ्रेंस की। सीएम ने बीजेपी पर दहाड़ते हुए कहा कि आज जो बजट आया है वो हैरान करने वाला बजट है।

देश भारी कर्ज में डूबा हुआ है और बीजेपी एकतरफा तरीके से लोगों को गुमराह करने की कोशिश कर रही है लेकिन बंगाल सरकार लोगों तक पहुंची है। तमाम बाधाओं के बावजूद, बजट ने लक्ष्मी भंडार से लेकर कई परियोजनाओं के लिए धन का आवंटन बढ़ा दिया है। हालांकि वित्तीय असमानता है, लेकिन मैंने लोगों के साथ भेदभाव नहीं किया है।

उन्होंने कहा कि बिना नाम लिए पीएम मोदी पर गरजते हुए कहा कि केंद्र में भी आपके सामने बजट पेश किया जाता है और मैंने भी पेश किया।

उन्होंने कहा कि बंगाल की मां-माटी-मानुष की सरकार ने दिखाया है कि कैसे आगे बढ़ना है। आपके अंदर सोचने की शक्ति होनी चाहिए, आपको सोचना होगा। केवल चुगली करने, झूठ बोलने, निंदा करने और विभाजनकारी राजनीति करने से कोई विकास नहीं होता है।