सांगठनिक कमजोरी की नजीर, दिलीप घोष के बूथ से बीजेपी नदारद लीड

पंचायत चुनावः

87

कोलकाताः बंगाल में पंचायत चुनाव का शंखनाद हो चुका है। पंचायत चुनाव के लिए नामांकन भी दाखिल हो गये हैं। तृणमूल कांग्रेस, बीजेपी, माकपा और कांग्रेस पूरी जी-जान से पंचायत चुनाव के मैदान में उतर गई हैं। बीजेपी के अखिल भारतीय उपाध्यक्ष दिलीप घोष झारग्राम के गोपीबल्लभपुर के कुलियाना गांव के रहने वाले हैं।

भाजपा ने कुलियाना ग्राम पंचायत की 13 में से 12 सीटों पर प्रत्याशी उतारे हैं, लेकिन जिस बूथ में मेदिनीपुर के सांसद दिलीप घोष वोटर हैं, वहां बीजेपी प्रत्याशी नहीं उतार पायी है।

राज्य की सत्ताधारी पार्टी तृणमूल कांग्रेस ने इसका मजाक बनाना शुरू कर दिया है। उनका दावा है कि इस घटना से साफ है कि आम जनता बीजेपी के पक्ष में नहीं है और उनके पास चुनाव में उतारने के लिए प्रत्याशी भी नहीं हैं।

हालांकि दिलीप घोष ने कहा कि वह लंबे समय से वहां नहीं गए हैं। इस बारे में उन्हें जानकारी नहीं है। हालांकि उन्होंने दावा किया कि पिछले साल उस बूथ पर बीजेपी 400 से ज्यादा वोटों से जीती थी। इसके साथ ही दिलीप घोष ने कहा कि बीजेपी ने उनकी 90 फीसदी लोकसभा सीटों पर प्रत्याशी उतारे हैं।

दिलीप घोष की घटना झाड़ग्राम के बीजेपी सांसद कुनार हेम्ब्रम के साथ दोहराई गई है। वह झारग्राम के राधानगर ग्राम पंचायत के कोरनाडोबा ग्राम पंचायत के बूथ संख्या 150 के मतदाता हैं। उनके बूथ पर भी बीजेपी का कोई प्रत्याशी नहीं है।

उन्होंने उम्मीदवार को मैदान में न उतार पाने के लिए पार्टी की गुटबाजी को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने दावा किया कि समन्वय की कमी के कारण यह हुआ है। कुनार हेम्ब्रम ने कहा, उस क्षेत्र के पुराने नेता निष्क्रिय हैं। उनसे कोई चर्चा नहीं हुई। यह भी कारण हो सकता है।

हालांकि तृणमूल नेता रेखा सरेन ने कहा, बीजेपी के दो सांसदों के बूथ पर बीजेपी का कोई प्रत्याशी नहीं है। साफ है कि चुनाव में बीजेपी प्रत्याशी संकट में है। यह समस्या तब होती है जब लोग आसपास नहीं होते हैं। कोई बीजेपी नहीं करना चाहता लोग टीएमसी के साथ हैं।