सरस्वती पूजा में दिखी शिक्षा घोटाले की झलक
• तराजू के एक पलड़े में रूपये और आभूषण हैं तो दूसरे में देवी सरस्वती
• देवी सरस्वती का भार रूपयों के सामने पड़ा हल्का
• तराजू के पीछे पश्चिम बंगाल के पूर्व शिक्षामंत्री पार्थ चटर्जी अपनी महिला मित्र अर्पिता के साथ खड़े हैं
प्रीति पासवान, कोलकाता। पश्चिम बंगाल शिक्षा विभाग घोटाले की छाप अब सरस्वती पूजा पर भी देखने को मिल रही है। काकुड़गाछी अंचल में श्री श्री सरस्वती पूजा कालीमाता मंदिर परिषद् द्वारा की जाने वाली सरस्वती पूजा में कुछ ऐसा ही देखने को मिला जहां विद्या की देवी को रूपये व आभूषण से लदे एक तराजू में तौला जा रहा है।
तराजू के एक पलड़े में रूपये और आभूषण हैं तो दूसरे में देवी सरस्वती हैं। कमाल की बात तो यह है कि यहांदेवी सरस्वती का भार रूपयों के सामने हल्का पड़ गया है।
पंडाल के तीन भाग में भ्रष्टाचार को दिखाया
आखिर तराजू में देवी को तौलने वाला कौन है? ठीक तराजू के पीछे पश्चिम बंगाल के पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी अपनी महिला मित्र अर्पिता के साथ खड़े हैं। पंडाल के दूसरे हिस्सेमें माता की भव्य प्रतिमा के ठीक नीचे दो पिंजरे भी बनाये गये हैं।
एक पिंजरे में देवी कैद हैं तो दूसरे में पुस्तकों को कैद में दिखाया गया है। क्यों देवी को कैद में रखा गया है। इसके पीछे की सोच क्या है इस बारे में पूजा कमेटी के ट्रस्टी विश्वजीत सरकार ने कहा कि हमारे राज्य में हुई शिक्षा विभाग में भ्रष्टाचार के कारण देवी कैद में है। हमलोगों को मिलकर देवी को कैद से मुक्त करवाना है।
पंडाल में हमें वह धरनामंच भी दिखा जहां वर्षों से शिक्षकपद के असली दावेदार प्रशासन से नौकरी की गुहार लगा रहे हैं जिनके पास घूस देने के रूपये न होने के कारण वह परीक्षा में पास होने के बावजूद नौकरी से वंचित रह गये हैं और पैसे वाले लोग मंत्री को घूस देकर शिक्षक बन गये।
इस थीम से सरकार की नीतियों का किया विरोध- पूजा आयोजक
श्री श्री सरस्वती पूजा कालीमाता मंदिर परिषद् के मुख्य सदस्य विश्वजीत सरकार ने कहा कि इस थीम के माध्यम से हमलोगों ने एक तरह से राज्य सरकार की नीतियों का विरोध किया है।
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उन्होंने कहा कि हमने राज्य के शिक्षा विभाग की बुराइयों को दर्शाने की कोशिश की है। एक शिक्षक ही उन्नत समाज का जन्मदाता है। बच्चों को जब सटिक शिक्षा मिलेगी तभी देश भी विकासशील होगा।
विश्वजीत का कहना है कि यहां रखे दो पिंजरों में माता को कैद करके हमने यह समझाने की कोशिश है कि हमारे राज्य में शिक्षा की देवी कैद में है। उन्हें भ्रष्टाचार रूपी पिंजरे से मुक्त करवाना है।
गौरतलब है कि तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पार्थ चटर्जी और अर्पिता मुखर्जी को पिछले साल भर्ती घोटाले में उनकी कथित संलिप्तता के लिए गिरफ्तार किया गया था। अर्पिता मुखर्जी के दो फ्लैटों से 50 करोड़ रुपये से ज्यादा बरामद किए गए थे।
फिलहाल पार्थ चटर्जी और अर्पिता मुखर्जी सहित शिक्षा विभाग के कई अधिकारी जेल हिरासत में हैं।