GST बकाये पर निर्मला ने ममता को घेरा

कहा- एजी सर्टिफिकेट रिपोर्ट नहीं दे रही है ममता

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नयी दिल्ली/कोलकाताः वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से जीएसटी कंपंसेशन के बकाया भुगतान को लेकर बार-बार चिट्ठी लिखे जाने पर प्रहार किया है।

उन्होंने लोकसभा में कहा कि 2017 से पश्चिम बंगाल ने एजी सर्टिफिकेट रिपोर्ट नहीं भेजी है। हम बकाया का भुगतान कैसे कर दें? हम तो भुगतान के लिए तैयार बैठे हैं।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को लोकसभा में बजट पर चर्चा का जवाब देते हुए सवालों के जवाब दिए और विपक्ष पर भी जमकर हमला बोला।

उन्होंने अपने पूरे संबोधन में कांग्रेस को निशाने पर रखा तो वहीं, केंद्र सरकार से बार-बार बकाया राशि के भुगतान की मांग करने वाली पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी व तृणमूल कांग्रेस पर भी जमकर निशाना साधा।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पश्चिम बंगाल की ओर से जीएसटी कंपंसेशन के भुगतान को लेकर चिट्ठी लिखे जाने का जिक्र करते हुए कहा कि वे बार-बार कहते हैं कि बकाया पैसा रिलीज करो। उन्होंने कहा कि अरे हम तो पैसा देने के लिए तैयार बैठे हैं।

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सीतारमण ने कहा कि बंगाल सरकार चिट्ठी तो लिख रही है लेकिन एजी सर्टिफिकेट रिपोर्ट नहीं दे रही है। उन्होंने कहा कि साल 2017 से एजी सर्टिफिकेट रिपोर्ट पश्चिम बंगाल की सरकार ने नहीं भेजी है।

वित्त मंत्री ने कहा कि बिना एजी सर्टिफिकेट के हम पैसे का भुगतान कैसे कर दें। उन्होंने पश्चिम बंगाल पर बकाया केंद्र के पैसे का जिक्र करते हुए कहा कि हम तो हंगामा नहीं कर रहे। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पश्चिम बंगाल पर केंद्र के बकाये को लेकर भी जानकारी दी।

उन्होंने कहा कि बंगाल चिल्ला रहा है कि हमें पैसे दो। केंद्र हमें पैसा नहीं दे रहा है। उन्हें चिल्लाना चाहिए, यह उनका अधिकार है। लेकिन हमारा पैसा रोक लिया गया है।

हमें भी इस बारे में आवाज उठाने का अधिकार है। जब भी कोई राज्य केंद्रीय सशस्त्र बलों की सहायता चाहता है, तो केंद्र द्वारा वह सहायता प्रदान की जाती है। बंगाल को भी दिया है। उसके कारण बंगाल की सरकार सशस्त्र बलों के बावत 1841 करोड़ रुपये केंद्र को नहीं दी। यह पैसा रोक लिया गया है।

सीतारमण ने आवास योजना का मुद्दा उठाते हुए कहा कि कई विधायकों और सांसदों ने शिकायत की है कि इस योजना को लेकर बंगाल में काफी भ्रम की स्थिति पैदा हो गई है।

वित्त मंत्री ने कहा कि उन्हें पता चला है कि बंगाल में प्रधानमंत्री आवास योजना का नाम और लोगो बदल दिया गया है। प्रोजेक्ट की ब्रांडिंग ही बदल दी गई है। इसके अलावा इस योजना के लाभार्थियों की सूची तैयार करने में व्यापक अनियमितता के आरोप भी लगे हैं।

लोकसभा में न्यूज रिपोर्ट दिखाते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना के लाभार्थियों की सूची में बंगाल के बड़े महलों के मालिकों को भी शामिल किया गया है। यह सही नहीं है।