कोलकाता : पश्चिम बंगाल में शिक्षक नियुक्ति भ्रष्टाचार को लेकर स्कूल सेवा आयोग (एसएससी) की लापरवाही पर कलकत्ता हाई कोर्ट ने मंगलवार को सख्त टिप्पणी की है।
न्यायमूर्ति अभिजीत गांगुली के एकल पीठ ने एसएससी के जरिए शिक्षकों की नियुक्ति में हुई धांधली के मामले में सुनवाई करते हुए पूछा है कि जिन लोगों को गैरकानूनी तरीके से नियुक्त किया गया, उन सभी को अभी तक नौकरी से क्यों नहीं हटाया गया है?
न्यायमूर्ति ने इस संबंध में सीबीआई को भी फटकार लगाते हुए कहा कि अभी तक उन लोगों की सूची नहीं मिली, जिन्हें गैर कानूनी तरीके से नियुक्त किया गया है।
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वह सूची कोर्ट में जल्द से जल्द जमा दी जाए। जिन लोगों ने भी केवल सफेद कागज जमा कर नौकरी हासिल की है, वे अगर अपनी मर्जी से इस्तीफा नहीं देते हैं तो कोर्ट इस संबंध में कड़ा कदम उठाएगा।
दरअसल, आरोप है कि गैरकानूनी शिक्षक नियुक्ति के सिलसिले में कई ऐसे लोगों के बारे में पता चला है, जिन्होंने केवल सादा उत्तर पुस्तिका जमा कर दी थी और उन्हें शिक्षक के तौर पर नियुक्त कर दिया गया।
8 नवंबर से पहले उन सभी शिक्षकों को पदत्याग करने का निर्देश कलकत्ता हाई कोर्ट ने दिया था लेकिन किसी ने भी इस्तीफा नहीं दिया है। इसे लेकर मंगलवार को न्यायमूर्ति गांगुली ने कहा कि समय सीमा पार हो जाने के बावजूद ऐसे अयोग्य लोग अभी भी नौकरी कर रहे हैं और पद नहीं छोड़ा है। अब कोर्ट कदम उठाएगा।
ग्रुप डी, ग्रुप सी, कक्षा नौवीं और दसवीं श्रेणी में ऐसे सैकड़ों लोगों की नियुक्ति हुई है जिन्होंने परीक्षा भी नहीं दी थी।