कोलकाता : देश का नाम बदलने की सारी अटकलें दरअसल ध्यान भटकाने की कोशिश है। गेरुआ खेमे ने अपनी नाकामी छुपाने के लिए इस अटकल को जन्म दिया है। तृणमूल के अखिल भारतीय महासचिव ने इंडिया बनाम भारत बहस के बारे में सोशल नेटवर्किंग साइट एक्स पर लिखा है कि इंडिया बनाम भारत बहस वास्तव में भाजपा द्वारा बनाई गई है। दूर देखने की कोशिश करें। इससे भ्रमित न हों, मूल्य वृद्धि, मुद्रास्फीति, सांप्रदायिक अशांति, बेरोजगारी और सीमा मुद्दों पर भाजपा से सवाल करें। भाजपा की डबल इंजन सरकार और झूठे राष्ट्रवाद की खोखली आवाज का विरोध करें।
देश का नाम बदलने की अटकलों का विपक्षी खेमा भी विरोध कर रहा है। कांग्रेस पहले ही कह चुकी है कि यह दरअसल संघीय ढांचे पर झटका है। खुद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने नाम बदलने के औचित्य पर सवाल उठाया है। उन्होंने कहा कि हम जो कहते हैं वहीं, भारत है तो नया नाम परिवर्तन क्या है?
बता दें कि हालांकि अभी इसकी कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है, लेकिन सरकार ने देश के नाम में सिर्फ ‘इंडिया’ शब्द का इस्तेमाल करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। जी-20 शिखर सम्मेलन के लिए राष्ट्रपति के निमंत्रण पत्र में “भारत के राष्ट्रपति” लिखा हुआ है, जिसके साथ ही सत्तारूढ़ विरोधी टार्जा की शुरुआत हुई।