ब्रह्मपुत्र नदी के नीचे टनल बनाएगा भारत, LAC तक जल्दी पहुंच सकेगी सेना

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चीन की चालबाजी को काउंटर करने के लिए भारत एलएसी की क्षेत्र का तेजी से विकास करने में जुटा हुआ है। केंद्र सरकार ने अब एलएसी तक सैनिकों को तेजी से ले जाने के लिए ब्रह्मपुत्र के नीचे एक रणनीतिक सुरंग बनाने का निर्णय लिया है। इसे लेकर असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा का कहना है कि गोहपुर और नुमालीगढ़ के बीच प्रस्तावित 35 किमी लंबे कॉरिडोर के लिए डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार करने के लिए टेंडर 4 जुलाई को खोल दी जाएंगी।

सीएम सरमा ने कहा कि अलग-अलग सुरंगों के जरिए सड़क और ट्रेन का ट्रैक बिछाया जाएगा। इस टनल के प्रोजेक्ट पर 6,000 करोड़ रुपये आवंटित किया गया है। इसके लिए पीएम नरेंद्र मोदी पहले ही मंजूरी दे चुके हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि नुमालीगढ़ से गोहपुर की दूरी लगभग 220 किलोमीटर है और इसमें लगभग 6 घंटे लगते हैं। सुरंग बनने से यह दूरी 33 किलोमीटर कम हो जाएगी। साथ ही साथ आधा घंटा समय भी बचेगा।

जानकारी के अनुसार टनल के बनने से NH37 पर ट्रैफिक कम हो जाएगा और लोगों को आसानी होगी। मौजूदा समय में ब्रह्मपुत्र के उत्तर से दक्षिण तक ट्रैफिक प्रस्तावित टनल से लगभग 100 किमी दूर कोलिया भोमोरा पुल के माध्यम से मूव कराया जा रहा है। टनल का क्राउन ब्रह्मपुत्र नदी के निम्नतम तल स्तर से लगभग 32 मीटर नीचे होगा। नेशनल हाइवे एंड इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलेपमेंट कॉर्पोरेशन ने एक विशेषज्ञ सलाहकार, लुईस बर्जर के माध्यम से इस सुरंग के लिए अध्ययन किया है।

एक बार प्रोजेक्ट पूरा होन पर काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान और टाइगर रिजर्व के दक्षिण में स्थित NH37 पर मौजूदा ट्रैफिक में राहत मिल जाएगी। इससे सैनिकों को टनल के माध्यम से चीन की सीमा से लगे अरुणाचल प्रदेश तक ले जाने और सामान को तेजी से ट्रांसफर किया जा सकेगा। इसके चलते राष्ट्रीय सुरक्षा बढ़ेगी। बता दें कि इस समय केंद्र सरकार का बॉर्डर एरिया में विकास करने पर फोकस है। यही वजह है कि आए दिन कठिन से कठिन इलाकों में सड़कों को बनाकर बीआरओ नए कीर्तिमान रच रहा है।