जस्टिस चंद्रचूड़ बने 50वें CJI: शपथ के बाद अपने चेंबर में तिरंगे को नमन किया
44 साल पहले पिता भी बने थे चीफ जस्टिस
नयी दिल्लीः जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ (Justice DY Chandrachud) भारत के 50वें मुख्य न्यायाधीश (CJI) हुए। राष्ट्रपति भवन में एक समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (President Draupadi Murmu) ने उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई।
उन्होंने CJI की कुर्सी पर बैठने से पहले तिरंगे को नमन किया। चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ का कार्यकाल 10 नवंबर 2024 तक होगा।
Dr Justice D.Y. Chandrachud sworn in as the Chief Justice of the Supreme Court of India at Rashtrapati Bhavan today. pic.twitter.com/8mXM6U55tL
— President of India (@rashtrapatibhvn) November 9, 2022
8 अक्टूबर को पूर्व CJI यूयू ललित ने कानून मंत्री किरन रिजिजू को उनके नाम की सिफारिश की थी। यूयू ललित ने SC के जजों की उपस्थिति में पर्सनली जस्टिस चंद्रचूड़ को अपने पत्र की एक कॉपी सौंपी थी।
भारत के प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ ने बुधवार को कहा कि देश के लोगों की सेवा करना उनकी ‘‘प्राथमिकता’’ है। राष्ट्रपति भवन में शपथ ग्रहण समारोह के तुरंत बाद देश के 50वें सीजेआई उच्चतम न्यायालय परिसर में पहुंचे तथा महात्मा गांधी को पुष्पांजलि अर्पित की।
जस्टिस चंद्रचूड़ के पिता 16वें CJI थे
जस्टिस चंद्रचूड़ के पिता जस्टिस वाईवी चंद्रचूड़ देश के 16वें CJI थे। जस्टिस वाईवी चंद्रचूड़ का कार्यकाल 22 फरवरी 1978 से 11 जुलाई 1985 तक, यानी करीब 7 साल रहा।
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उनके रिटायरमेंट के 37 साल बाद उनके बेटे जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ उसी पद पर नियुक्त हुए। जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ पिता के 2 बड़े फैसलों को SC में पलट भी चुके हैं। वे बेबाक फैसलों के लिए चर्चित हैं।
जस्टिस चंद्रचूड़ के चर्चित फैसले…
नोएडा ट्विन टावर गिराने का फैसला- नोएडा में सुपरटेक के दोनों टावर 28 अगस्त को गिराया गया। 31 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने टावरों को तोड़ने का आदेश दिए था। ट्विन टावर के निर्माण में नेशनल बिल्डिंग कोड के नियमों का उल्लंघन किया गया।
हादिया केस को लव जिहाद नहीं माना- केरल में अखिला अशोकन उर्फ हादिया (25) ने शफीन नाम के मुस्लिम लड़के से 2016 में शादी की थी। लड़की के पिता का आरोप था कि यह लव जिहाद का मामला है।
उनकी बेटी की जबरदस्ती धर्म बदलवाकर शादी की गई है। इसके बाद हाईकोर्ट ने शादी रद्द कर दी और हादिया को उसके माता-पिता के पास रखने का आदेश दिया था।
इसके बाद मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा और कोर्ट ने हादिया की शादी रद्द करने से संबंधित केरल हाईकोर्ट का आदेश खारिज कर दी।
निजता को मौलिक अधिकार मानने का फैसला- 2017 में सुप्रीम कोर्ट ने निजता को मौलिक अधिकार माना।
इस बेंच में चंद्रचूड़ भी शामिल थे। कोर्ट ने अपने फैसले में लिखा- ADM जबलपुर मामले में बहुमत के फैसले में गंभीर खामियां थीं। संविधान को स्वीकार करके भारत के लोगों ने अपना जीवन और निजी आजादी सरकार के समक्ष आत्मसमर्पित नहीं कर दी है।
अविवाहिता को भी अबॉर्शन का अधिकार दिया- सुप्रीम कोर्ट ने सभी महिलाओं को गर्भपात का अधिकार दिया, फिर चाहें वो विवाहित हों या अविवाहित।
कोर्ट ने कहा कि मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी एक्ट के तहत 22 से 24 हफ्ते तक गर्भपात का हक सभी को है। बेंच की अगुआई जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ कर रहे थे।