संसद की सुरक्षा में चूक मामले में बंगाल कनेक्शन पर सीएम ने कहा-

मास्टरमाइंड ललित से बंगाल का कोई लेना-देना नहीं

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कोलकाता, सूत्रकार : संसद की सुरक्षा में चूक मामले में बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्र की मोदी सरकार पर जमकर हमला बोला है। रविवार को दिल्ली जाने से पहले नेताजी सुभाष चंद्र बोस अन्तरराष्ट्रीय हवाई अड्डे (दमदम एयरपोर्ट) पर ममता बनर्जी ने कहा कि संसद की सुरक्षा में बड़ी लापरवाही सामने आई है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पहले ही यह स्वीकार कर चुके हैं।

ये बहुत गंभीर मामला है, उन्हें मामले की जांच करने दीजिए। बंगाल की सीएम ने कहा कि वे (विपक्ष) पहले ही इस मुद्दे को उठा चुके हैं और इसलिए टीएमसी नेता डेरेक ओ’ब्रायन के अलावा अन्य कांग्रेस और डीएमके सांसदों को भी निलंबित कर दिया गया है। नई संसद में सुरक्षा में बड़ी खामी थी। हम इसकी निष्पक्ष जांच चाहते हैं। ममता ने साफ कहा कि बंगाल के नाम पर हमेशा अफवाहें और गलत सूचना फैलाने की कोशिश होती रहती है।

सीएम ने सफाई देते हुए कहा संसद पर हमले के मास्टरमाइंड से बंगाल का कोई लेना-देना नहीं है, वह बिहार से है। उन्होंने घटना की निष्पक्ष जांच की भी मांग की। आज रविवार को मुख्यमंत्री तीन दिवसीय दौरे पर दिल्ली गयीं। सीएम ने कहा कि बीजेपी संघ के नेता और सांसद प्रताप सिन्हा के दिए गए पास से वे लोग संसद के अंदर गए थे। यह मुद्दा उठाने पर डेरेक सहित कई सांसदों को दोनों सदनों से निलंबित कर दिया गया है।

गेरुआ नहीं होगा तो नहीं मिलेगा पैसा

दिल्ली रवाना होने से पहले मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्र पर पलटवार किया। उन्होंने कहा कि वे कई परियोजनाओं के बकाए की मांग को लेकर वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बैठक करने जा रही हैं। उन्होंने शिकायत की कि केंद्र ने 100 दिन के काम का पैसा, बांग्ला बाड़ी का पैसा, यहां तक ​​कि स्वास्थ्य विभाग का पैसा भी रोक लिया है।

ममता का दावा है कि बीजेपी ‘रंगों को लेकर राजनीति’ कर रही है। गेरुआ रंग नहीं होने के कारण स्वास्थ्य विभाग के पैसे रोक दिये गए हैं। ममता ने कहा कि मेट्रो स्टेशनों को भी गेरुआ रंग से रंग दिया गया है। मैं सिलीगुड़ी गयी थी तो देखा कि सभी घरों को गेरुआ रंग से रंगा दिया गया है। और हमसे कहा गया है कि सभी स्वास्थ्य केंद्रों को गेरुआ रंग का बनाया जाना चाहिए। हर प्रदेश की अपनी नयी नीति होती है।

मुख्यमंत्री ने सवाल पूछा कि गेरुआ रंग क्यों रंगा जाएगा? उन्होंने कहा कि इस राज्य के ब्रांड का रंग नीला-सफेद है। यह कोई पार्टी का रंग नहीं है। उन्होंने कहा कि हम कलर ब्रांड शुरू करने वाले पहले व्यक्ति थे। हर जगह सिर्फ बीजेपी का लोगो लगाना चाहिए? और बीजेपी को रंग लगाना है? उन्होंने यह भी कहा कि क्या वे तय करेंगे कि कौन क्या खाएगा? कौन क्या पहनेगा? लोगों को भ्रमित करने की कोशिश की जा रही है।

हम इस बारे में अपनी आवाज उठाएंगे। संयोग से, बंगाल के सभी स्वास्थ्य केंद्रों का रंग नीला-सफेद है। हालांकि केंद्र सरकार के स्पष्ट निर्देश के मुताबिक केंद्र के वित्तीय आवंटन से बनने वाले स्वास्थ्य केंद्रों का रंग धात्विक पीला होगा। इसके साथ खैरी बॉर्डर होना चाहिए। नतीजा यह हुआ कि इस रंग के अभाव के कारण राज्य सरकार ने केंद्र से शिकायत की कि दिल्ली ने पश्चिम बंगाल का 800 करोड़ रुपये का आवंटन रोक दिया है।