कोलकाता : प्रदेश की सीएम ममता बनर्जी ने पंचायत चुनाव में नामांकन के दौरान हुई हिंसा की घटनाओं पर तृणमूल समर्थकों को क्लीनचिट दे दी है। उन्होंने कहा कि हिंसा की किसी भी घटना से तृणमूल का कोई भी व्यक्ति जुड़ा हुआ नहीं है। हंगामे में हमारे लोग नहीं हैं।
विपक्षी पार्टियों द्वारा सत्तारूढ़ दल पर नामांकन में बाधा डालने के आरोपों को उन्होंने सिरे से खारिज करते हुए कहा कि हमारी पार्टी का स्पष्ट निर्देश है कि नियमानुसार नामांकन पत्र जमा कराएं। लाखों नामांकन पत्र जमा किए जा चुके हैं। ऐसा किसी भी राज्य में, कभी भी नहीं हुआ है। जो लोग तोड़फोड़ करते रहते हैं, उन्होंने हीतोड़फोड़ किया है।
नामांकन चरण के शुरुआती दिनों से ही दक्षिण 24 परगना का संघर्ष बार-बार सुर्खियों में रहा है। पिछले कुछ दिनों से वहां हिंसक घटनाएं हो रही हैं। गुरुवार को हुई घटना अपवाद नहीं है। इस घटना के पीछे आईएसएफ समर्थक हैं। उन्होंने कहा कि तृणमूल ने बर्बरता का विरोध किया। इसके बाद उन्होंने कहा कि बुधवार को हमारी ओर से विरोध प्रदर्शन हुआ था, यह सच है। गुरुवार को उत्तर दिनाजपुर के चोपड़ा स्थित बीडीओ कार्यालय में नामांकन जमा करने के दौरान गोलीबारीहुई। इस घटना में मारे गए समर्थकों के बारे में उन्होंने कहा कि चोपड़ा और इस्लामपुर में हुई हिंसा से पार्टी किसी भी तरह से नहीं जुड़ी है। हमने ऐसा करने वालों को टिकट नहीं दिया है।
बुधवार तक लोगों को टिकट दिए गए हैं। कई लोगों को टिकट नहीं दिया गया क्योंकि पार्टी उनके काम से संतुष्ट नहीं थी। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने कहा कि काम नहीं करने करने वालों को इस बार के पंचायत चुनाव में टिकट नहीं दिया गया। मुख्यमंत्री ने राज्य में वामपंथी हिंसा का मुद्दा भी उठाया। आंकड़ों पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि 2003 के पंचायत चुनाव में 36 लोगों की मौत हुई थी। 2013 में, केंद्रीय बलों के साथ चुनाव कराने के बावजूद बंगाल में 39 लोगों की जान चली गई। पिछले इतिहास की वर्तमान राजनीतिक स्थिति से तुलना करते हुए ममता ने कहा कि 73,000 बूथों में से 3-4 बूथों पर हिंसा हुई है। मैंने पुलिस-प्रशासन से कार्रवाई करने को कहा है।