अमित शाह को फोन करने वाले दावे पर बोलीं ममता
अगर सच साबित हुआ तो इस्तीफा दे दूंगी, टीएमसी नेशनल पार्टी थी, है और रहेगी
कोलकाता: बंगाल की सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) का राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा जाने के बाद सीएम ममता बनर्जी की ओर से केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को फोन किया गया था। नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी के इस दावे का टीएमसी सुप्रीमो और सीएम ममता बनर्जी ने खंडन किया है।
बुधवार को नवान्न में सीएम ममता बनर्जी ने कहा कि टीएमसी को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा देने के लिए अमित शाह को फोन करने की बात सही साबित हुई तो मैं इस्तीफा दे दूंगी।
बता दें, पिछले सप्ताह चुनाव आयोग ने टीएमसी का राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा रद्द कर दिया था।
उन्होंने कहा कि ये कहा जा रहा है कि टीएमसी का राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा जाने के बाद ममता बनर्जी ने अमित शाह को चार बार फोन किया है। ये सब झूठ चलाने वालों के खिलाफ हम मामले दायर करेंगे। ये जो लोग ऐसी बात चलाते हैं हम उनसे इस झूठ की माफी लेकर रहेंगे। मैं भारत की राजनीति को अच्छे से समझती हूं। हमारे 4 विधायकों को गिरफ्तार कर रखा है।
बता दें, मंगलवार को नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने हुगली जिले के सिंगूर में एक रैली को संबोधित करते हुए दावा किया था कि टीएमसी का राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा रद्द किये जाने के बाद ममता बनर्जी ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को फोन किया था।
अधिकारी ने दावा किया कि ममता ने आयोग के फैसले को रद्द करने का शाह से अनुरोध किया था। शुभेंदु अधिकारी के इस दावे के बाद से बंगाल की राजनीति में गर्माहट बढ़ गई है। वहीं, टीएमसी ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए सभी दावों को खारिज कर दिया है।
ममता ने कहा कि ये सब केन्द्र की एजेंसी को लेकर मेरे खिलाफ षड्यंत्र कर रहे हैं। इनका काम है झूठा नैरेटिव बनाना। ये सरकार के पैसे पर चुनाव लड़ते हैं। देश की सबसे भ्रष्टाचारी पार्टी बीजेपी है।
हम अदालत का पूरा सम्मान करते हैं। हम जनता को कहते हैं कि बीजेपी के झूठ में मत आईए। बीजेपी कहती है आपस में सबकी लड़ाई करवा दो। हम नेशनल पार्टी थे, हैं और रहेंगे।
2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर ममता बनर्जी ने बीजेपी पर निशाना साधा। बनर्जी ने दावा किया है कि 2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी 200 सीटों का आंकड़ा पार नहीं कर पाएगी।
वहीं, उन्होंने अपनी पार्टी के नाम को लेकर साफ कर दिया है कि उनकी पार्टी का नाम अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस रहेगा। हमें किसी की दया से नहीं मिला है। इतने विधायक और सांसद होने के बाद हमें ये नहीं दिया क्योंकि हम बीजेपी का विरोध करते हैं।