एनआईए ने तीन फरार नक्सलियों को घोषित किया वांटेड

 कुकरूहाट हमले की जांच हुई तेज

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रांची: राष्ट्रीय जांच एजेंसी यानी एनआईए ने सरायकेला के कुकरुहट हमले की जांच तेज कर दी है। बुधवार की देर रात एनआईए की टीम ने रांची और सरायकेला के साथ साथ बिहार और पश्चिम बंगाल में छापेमारी की।

छापेमारी के दौरान एनआईए टीम को कुछ महत्वपूर्व दस्तावेज मिले हैं। अधिकारी सूत्रों ने बताया कि नवरात कांडों में फरार चल रहे है तीन हार्डकोर नक्सलियों को वांटेड सूची में शामिल किया गया है। वांटेड सूची में पूर्व विधायक रमेश सिंह मुंडा के हत्या का आरोपी गौरव खा के साथ साथ कनेश और नागेर शामिल है।

झारखंड के पूर्व मंत्री रमेश सिंह मुंडा हत्याकांड में एनआईए ने रांची के  गौरव मुंडा को वांटेड घोषित किया है। रमेश मुंडा हत्याकांड में एनआईए ने बुंडू के बारहातू के रहने वाले गौरव की भूमिका पायी थी।

इस मामले में कुख्यात कुंदन पाहन भी आरोपी है। हालांकि कुंदन ने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया था। वहीं, लातेहार के सुकैया मोड़ मामले में एनआईए ने माओवादी कजेश गंझू को वांटेड घोषित किया है।

साल 2019 में विधानसभा चुनाव के पहले चरण के दौरान माओवादियों ने चंदवा के लुकेया मोड़ पर हमला किया, जिसमें चार पुलिसकर्मियों को मौत हो गई थी। इस मामले में एनआईए को कजेश की तलाश है, वहीं चतरा के टेरर फंडिंग केस में एनआईए ने टीपीसी नक्सली नागेश्वर गंझू को फरार घोषित किया है।

सरायकेला खरसावां कुकरुहाट बाजार में हमला कर पांच पुलिसकर्मियों की हत्या मामले की जांच एनआईए ने तेज कर दी है। बुधवार को पुलिसकर्मियों की हत्या और कारतूस लूटने के मामले में झारखंड के साथ कई ठिकानों पर एनआईए की टीम ने एक साथ छापेमारी की।

छापेमारी में एनआईए को कई डिजिटल उपकरण हाथ लगे हैं, जिनकी जांच की जा रही है। एनआईए से मिली जानकारी के अनुसार मामले की जांच को लेकर बिहार के मुंगेर और बंगाल में भी छापेमारी की गई है। वहीं सरायकेला में भी एनआईए की टीम तफ्तीश के लिए पहुंची थी।

भाकपा माओवादियों के जोनल कमांडर (वर्तमान में सरेंडर कर चुका है) महाराज प्रमाणिक के दस्ते ने सरायकेला-खरसावां के कुकरुहाट बाजार में 14 जून 2019 को पुलिस बल पर हमला किया था। पुलिस पेट्रोलिंग पार्टी पर किए गए अचानक हमले में पांच पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे। पुलिसकर्मियों की हत्या के बाद माओवादी दस्ते ने दो पिस्टल, 70 राउंड गोली, तीन इंसास राइफल और उसकी 550 राउंड गोली, 10 मैगजीन, मोबाइल फोन, वायरलेस सेंट आदि लूट लिए। इस मामले में पुलिस ने तिरूलडीह थाने में एफआईआर दर्ज की थी।

9 दिसंबर 2020 को एनआईए ने केस को टेकओवर किया था। इस मामले में एनआईए ने 14  माओवादी समर्थकों को नामजद आरोपी बनाया था। एनआईए ने मामले में एक करोड़ के इनामी केंद्रीय कमिटी सदस्य पतिराम मांझी उर्फ अनल, 15 लाख के इनामी महाराज प्रामाणिक (सरेंडर कर चुके), 10 लाख के इनामी अमित मुंडा, झारखंड पुलिस के समक्ष सरेंडर कर चुके माओवादी बोयदा पाहन, सुनील टुडू, बुधराम माठी, श्रीराम मांझी, नरेश लोहार, आलमगीर अंसारी, लखन सरदार, जोसफ पूर्ति, तबारक अंसारी, मंगल टोपनो, सोना सिंह सरदार, जितराम मुंडा, राकेश मुंडा, नैना के खिलाफ चार्जशीट दायर किया।

 

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