बंगाल ही नहीं कई बार हो चुका है वंदे भारत पर पथराव

बीजेपी शासित यूपी में हुआ है पथराव

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नई दिल्ली/ कोलकाता : पश्चिम बंगाल में वंदे भारत एक्सप्रेस को पीएम मोदी और ममता बनर्जी ने हरी झंडी दिखाकर 30 दिसंबर को शुरू किया था। अभी शुरू हुए एक सप्ताह भी नहीं हुए हैं कि इस पर दो बाहर पथराव किया जा चुका है। पथराव के कारण ट्रेन की खिड़की और दरवाजे को नुकसान पहुंचा है। पत्थारबाजी के बाद से ही लगातार राज्य की राजनीति अपने उफान पर है। सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों तरफ से आरोप प्रत्यारोप का दौर चल रहा है। एक तरफ बंगाल की मुख्य विपक्षी दल भाजपा टीएमसी पर आरोप लगा रही है तो टीएमसी भी आरोप का जवाब देने में पीछे नहीं रह रही है। इस पत्थरबाजी को लेकर ईस्टर्न रेलवे ने गुरुवार को जानकारी दी है कि पत्थर बांदे भारत में बिहार की तरफ से फेंके गए, न कि बंगाल में।

हालांकि यह पहली बार नहीं है जब इस ट्रेन पर पत्थरबाजी की गई हो। ट्रेन के उद्घाटन के बाद से ही इसपर कई बार पत्थरबाजी हो चुकी है।

2019 में हुआ था लॉन्च
इस ट्रेन को सबसे पहले भारत में 2019 में लॉन्च किया गया था। तब से देश में एक-एक करके सात बंदे भारत ट्रेनें चलाई जा चुकी हैं। सबसे नया लिंक हावड़ा-न्यू जलपाईगुड़ी बंदे भारत है। फरवरी 2019 में नई दिल्ली से वाराणसी होते हुए कानपुर और इलाहाबाद के बीच पहली वंदे भारत ट्रेन शुरू की गई थी। वंदे भारत के शुरूआती दो महीने यानी फरवरी से अप्रैल तक कम से कम 12 बार हमला हुआ है और शीशे टूटे हैं । ट्रेन तोड़ने की सभी घटनाएं उत्तर प्रदेश में हुई है और यूपी में बीजेपी का ही शासन है।

उत्तर प्रदेश में कई बार हो चुका है पथराव
सबसे पहला हमला नई दिल्ली से वाराणसी जा रही ट्रेन जब कानपुर के नजदीक पहुंची तो अचानक कुछ लोगों ने पत्थरबाजी शुरू कर दिया था । ट्रेन के चालक दल की ओर से वाराणसी जीआरपी में मुकदमा दर्ज कराया गया था। लेकिन इस घटना के बाद से आरपीएफ, जीआरपी समेत स्थानीय पुलिस की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े हो गए थे। इसके बाद

11 मार्च को भी ट्रेन पर पथराव हुआ था । इसके बाद इटावा और फतेहपुर के खागा में भी पत्थरबाजों के निशाने पर ये ट्रेन आई थी। 15 मार्च को वाराणसी से दिल्ली जा रही वंदेभारत एक्सप्रेस पर इटावा के पास कुछ लोगों ने पत्थर फेंके जिससे दो कोच के शीशे टूट गए। पथराव से यात्री भी डर गए थे।

ट्रायल रन में भी हो चुका है हमला
लेकिन ट्रेन पर हमला चलने के दौरान ही नहीं हुआ है बल्कि ट्रायल रन के दौरान ही इसे पत्थरबाजों के हमले का सामना करना पड़ा था। दो फरवरी को ट्रायर के दौरान ट्रेन जैसे ही दिल्ली में शकूरबस्ती वर्कशाप से आगे बढ़ी थी, उस पर कुछ लोगों ने पत्थर फेंके थे जिससे ट्रेन को काफी नुकसान हुआ था। उससे पहले बीस दिसंबर को इसके पहले ट्रायल रन के दौरान भी पथराव हुआ था।

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उठ रहे कई सवाल
पथराव के दौरान अभी तक किसी यात्री को चोट तो नहीं आई है लेकिन इतनी आधुनिक और हाईप्रोफाइल ट्रेन पर लगातार हो रही है पत्थरबाजी की घटना और ट्रेन को हो रहे नुकसान के बावजूद इस पर लगाम न लग पाना कई सवाल खड़ा कर रहा है।