नई दिल्ली । है ना अजीबो-गरीब खबर। दरअसल जापान पिछले कुछ समय से गिरती जन्मदर से परेशान है। ऐसे में देश के स्वास्थ्य, श्रम और कल्याण मंत्रालय को उम्मीद है कि कुछ पैसों का वादा लोगों को शायद बच्चा पैदा करने के लिए प्रोत्साहित करे। वहीं जापान की मीडिया रिपोर्ट से मिली जानकारी के अनुसार फिलहाल बच्चा पैदा होने पर नए पैरेंट्स को 4,20,000 येन यानी 2,53,338 रुपये दिए जाते हैं।
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स्वास्थ्य, श्रम और कल्याण मंत्री कात्सुनोबु काटो इस आंकड़े को बढ़ाकर 500,000 येन यानी 3,00,402 रुपये करना चाहते हैं। जापानी मीडिया के मुताबिक उन्होंने योजना पर चर्चा करने के लिए पिछले हफ्ते जापानी प्रधान मंत्री फुमियो किशिदा के साथ बात की जिसे स्वीकार किए जाने और वित्त वर्ष 2023 के लिए प्रभावी होने की संभावना है।
गौरतलब है कि ‘चाइल्ड बर्थ एंड चाइल्ड केयर लम्प-सम ग्रांट’ नाम के बावजूद जापान में लोग बच्चे पैदा नहीं करना चाहते हैं। इसका एक मुख्य कारण बढ़ती लागत है। भले ही इस राशि को जापान का पब्लिक मेडिकल इंश्योरेंस सिस्टम सपोर्ट करता हो,लेकिन चाइल्ड बर्थ फीस जेब से भरनी पड़ती है। वहीं डिलिवरी का खर्चा राष्ट्रीय औसत 4,73000 येन है।
भले ही रकम बढ़ा दी जाए लेकिन माता-पिता जब अस्पताल से घर लौटेंगे तो उनके पास औसतन 30,000 येन ही बचेंगे, जो बच्चे को पालने के लिए कोई ज्यादा बड़ी रकम नहीं है। अब देखना है कि सरकार के द्वारा दिए गए इस प्रस्ताव पर जापान के लोग क्या सोचते हैं । जापान के लिए गिरती जनसंख्या एक गंभीर मुद्दा है।
वैसे कुल मिलाकर नए माता-पिता थोड़े एक्स्ट्रा पैसे पाकर खुश होंगे क्योंकि उनका परिवार बढ़ेगा। साथ ही 80,000 येन का इजाफा अनुदान के लिए अब तक की सबसे ज्यादा रकम और 2009 के बाद पहली बार होगी।
मिली जानकारी के अनुसार देश में पिछले साल 8,11,604 जन्म और 14,39,809 मौतें दर्ज की गईं, जिसके परिणामस्वरूप जनसंख्या में 6,28,205 की गिरावट आई। डेटा उपलब्ध होने के बाद से यह सबसे बड़ी प्राकृतिक गिरावट है।
साल 2021 में जारी सरकारी डेटा के मुताबिक जापान में एक सदी से भी ज्यादा समय में सबसे कम बच्चे पैदा हुए हैं। इस आंकड़े से हलचल मच गई है क्योंकि जनसंख्या में गिरावट से भविष्य में बड़े प्रभाव पड़ेंगे।