पश्चिम मेदिनीपुरः सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने राज्य में कांग्रेस को बड़ा झटका दिया है। राज्य में कांग्रेस के एक मात्र विधायक बायरन विश्वास सोमवार को टीएमसी में शामिल हो गये। सोमवार को पश्चिम मेदिनीपुर के घाटाल में बायरन विश्वास ने टीएमसी के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी के हाथों पार्टी का झंडा थामा।
बता दें, लगभग तीन महीने पहले मुर्शिदाबाद जिले के सागरदीघी विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस के टिकट पर बायरन विश्वास ने टीएमसी को हराया था। इस जीत के साथ ही विधानसभा में कांग्रेस को एक विधायक मिला था। कांग्रेस की जीत टीएमसी के लिए बड़ी हार मानी जा रही थी।
टीएमसी ने अपने ट्वीटर अकाउंट पर सागरदीघी से कांग्रेस के एकमात्र विधायक बायरन विश्वास के टीएसमी में शामिल होने का ऐलान किया। बायरन विश्वास के टीएमसी में शामिल हो जाने के बाद अब विधानसभा में कांग्रेस फिर शून्य पर पहुंच गयी।
बायरन को टीएमसी में स्वागत करने के बाद अभिषेक बनर्जी ने कहा कि सागरदीघी में विधानसभा उपचुनाव जीतने के बाद बायरन के साथ संपर्क हुआ था। उन्होंने जनसंपर्क यात्रा नव ज्वार के दौरान में बाते भी की थी। बीजेपी के खिलाफ लड़ाई को मजबुत करने के लिए बायरन टीएमसी में शामिल हो गए। उनका पार्टी में स्वागत है। टीएमसी के सिपाही के तौर पर बायरन बीजेपी के खिलाफ जोर-शोर से लड़ेंगे। सागरदीघी के लोगों के बारे में सोचकर उन्होंने यह कदम उठाया है।
बता दें, सागरदीघी चुनाव का परिणाम 2 मार्च को घोषित किया गया था। उसके सिर्फ तीन महीने भी नहीं हुए कि कांग्रेस के टिकट पर जीतने वाले बायरन विश्वास टीएमसी में शामिल हो गये। बायरन के चुनाव के बाद ही यह अटकलें तेज थीं कि वह कांग्रेस में कितने समय तक रहेंगे।
चुनाव का परिणाम की घोषणा के दिन उनसे यह सवाल पूछा गया था। चुनाव जीतने के बाद बायरन ने कहा था, टीएमसी मुझे नहीं खरीद सकती। मैं टीएमसी को खरीद लूंगा लेकिन सोमवार को वह टीएमसी में शामिल हो गये।
उल्लेखनीय है कि सागरदीघी में बायरन विश्वास की जीत पर कांग्रेस ही नहीं बल्कि अल्पसंख्यक बहुल सागरदीघी में वाम-कांग्रेस गठबंधन के उम्मीदवार की जीत को कई लोग बंगाल की राजनीति में मील का पत्थर मान रहे थे। विधानसभा में कांग्रेस का खाता भी खुला था।
बायरन विश्वास के सत्तारूढ़ पार्टी में शामिल होने पर प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद प्रदीप भट्टाचार्य ने कहा कि बायरन के चले जाने का डर था। टीएमसी ने पहले भी ऐसा किया था। ऐसा विश्वासघात गलत है। टीएमसी को कीमत चुकानी पड़ेगी। ऐसा न करते तो अच्छा होता। यह गठबंधन की राजनीति के खिलाफ है।
वाममोर्च के सांसद विकास रंजन भट्टाचार्य ने कहा टीएमसी अमित शाह के दिखाए रास्ते पर चल रही है। अमित शाह ने विभिन्न पार्टियों के विधायकों को खरीदकर सरकार बनाई। दरअसल ममता बनर्जी और अभिषेक बनर्जी ने सागरदीघी के नतीजों को नजरअंदाज किया। बायरन जैसे लोग सागरदीघी में टीएमसी विरोधी वोट पाकर जीते थे। उन्होंने उन मतदाताओं का भी अपमान किया। वह जनादेश की उपेक्षा करने से लोगों की नाराजी से नहीं बच पायेगा।