हमारी सेनाएं भौमिक अखंडता को सुरक्षित रखने के लिए प्रतिबद्ध : राजनाथ सिंह
भारत-चीन हिंसा को लेकर संसद में विपक्ष का हंगामा
नई दिल्ली : भारत और चीन सीमा पर एक बार फिर हिंसा की गूंज सुनाई दी है। भारत और चीन सीमा से सटे तवांग क्षेत्र में दोनों देशों के सेनाओं के बीच हिंसक झड़प देखी गई। जिसमें भारत के सैनिकों ने चीनी सैनिकों को करारा जवाब देते हुए उनको खदेड़ दिया था। हालांकि इस पूरे घटना में भारत के भी कुछ सैनिक घायल हुए हैं। झड़प की खबर आते ही हो हल्ला तो मचना लाजमी था। अब इस पूरे मसले पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह संसद में बयान दिया है।
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क्या कहा रक्षा मंत्री ने…
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बयान देते हुए कहा कि ‘मैं सदन को आश्वस्त करना चाहता हूं कि हमारी सेनाएं हमारी भौमिक अखंडता को सुरक्षित रखने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं और इसके खिलाफ किसी भी प्रयास को रोकने के लिए सदैव तत्पर हैंI मुझे विश्वास है कि यह सदन हमारी सेनाओं की वीरता और साहस को एक स्वर से समर्थन देगा’।
In this face-off, few soldiers on both sides suffered injuries. I'd like to tell this House that none of our soldiers died or suffered any serious injury. Due to the timely intervention of Indian military commanders, PLA soldiers have retreated to their own locations: Defence Min pic.twitter.com/Fp4eJvFMWM
— ANI (@ANI) December 13, 2022
इसके अलावा उन्होंने कहा कि ‘चीनी पक्ष को इस तरह के एक्शन के लिए मना किया गया और सीमा पर शांति बनाए रखने के लिए कहा गया। इस मुद्दे को चीनी पक्ष के साथ कूटनीतिक स्तर पर भी उठाया गया है । इस घटना के पश्चात क्षेत्र के स्थानीय कमांडर ने 11 दिसंबर 2022 को अपने चीनी समकक्ष के साथ स्थापित व्यवस्था के तहत एक फ्लैग मीटिंग की और इस घटना पर चर्चा की’।
After this incident, on 11th Dec the local commander of the area held a flag meeting with his Chinese counterpart under the established system & discussed this incident. The Chinese side was refused all such actions and told to maintain peace at the border: Defence Minister in LS pic.twitter.com/ioLRZWTtKo
— ANI (@ANI) December 13, 2022
देश को उन्होंने भरोसा दिलाते हुए कहा है कि ‘मैं इस सदन को यह बताना चाहता हूं कि हमारे किसी भी सैनिक की मृत्यु नहीं हुई है और न ही कोई गंभीर रूप से घायल हुआ है । भारतीय सैन्य कमांडरों के समय पर हस्तक्षेप के कारण PLA सैनिक अपने स्थानों पर वापस चले गए’।