चाईबासा में गोपाष्टमी मेले के आयोजन की तैयारियां जोरों पर
121 वर्ष का हुआ गोपाष्टमी मेला, आयोजन 1 नवंबर से
चाईबासा, (सू.स.)। श्री चाईबासा गौशाला के अध्यक्ष एवं शहर के वरिष्ठ अधिवक्ता श्री मदन मोहन दरीपा की अध्यक्षता में संपन्न 13 वीं बैठक में सर्वसम्मति से लिए गए निर्णयानुसार श्री चाईबासा गौशाला परिसर में दो दिवसीय गोपाष्टमी मेले का आयोजन 1 एवं 2 नवंबर को किया जायेगा। ज्ञात रहे कि वैश्विक महामारी कोरोना के संक्रमण के फलस्वरूप विगत दो वर्षों से मेले का आयोजन बाधित था।
चाईबासा गौशाला के सचिव एवं शहर के उद्योगपति सह समाजसेवी श्री बनवारीलाल नेवटिया ने कहा कि इस वर्ष भव्य तरीके से एवं धूम-धाम से गोपाष्टमी मेले का आयोजन किया जायेगा।
गोपाष्टमी का शुभारम्भ पूर्व की भांति स्थानीय खिरवाल धर्मशाला में प्रातः 8:30 बजे गौ पूजन के साथ होगा तथा उसके पश्चात एक प्रभातफेरी निकाली जाएगी जो पारंपरिक रूप से शहर के प्रमुख मार्गों से होकर अपराह्न 1 बजे मधुबाज़ार स्थित यश कुसीन होटल के समीप समाप्त होगी। प्रभात फेरी में मुख्य आकर्षण का केंद्र श्री राधाकृष्ण की प्रतिमा से सुसज्जित रथ एवं नगरवासियों के पूजन हेतु सजी- धजी गौ माताएं होंगी।
शाम के 4 बजे श्री चाईबासा गौशाला परिसर में वार्षिक सम्मेलन का शुभारम्भ दीप प्रज्ज्वलन के माध्यम से होगा जिसमें गौशाला के पदाधिकारियों एवं जिले के प्रशासनिक पदाधिकारियों की उपस्थिति रहेगी। इस वर्ष भी सम्मेलन में गौ सेवा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले गौ पालकों को पुरष्कृत किया जायेगा।
विदित हो कि श्री चाईबासा गौशाला की स्थापना वर्ष 1901 में की गयी थी। 121 गौरवपूर्ण वर्षों से श्री चाईबासा गौशाला गौ माता के सेवार्थ समर्पित रहा है तथा अपने स्थापना काल से ही दो दिवसीय गोपाष्टमी मेले के आयोजन भी निरंतर करता आया है।
शहरवासियों एवं दान दाताओं के अप्रतिम समर्थन एवं आशीर्वाद से ही श्री चाईबासा गौशाला का सफलतापूर्वक संचालन किया जाता रहा है। गोशाला (गौशाला) प्रबंधन ने चाईबासा गौशाला परिवार की ओर से सभी गौ भक्तों एवं दानदाताओं के प्रति कृतज्ञता प्रकट की है।
जानकारी के अनुसार इस वर्ष आयोजित होने वाले भव्य मेले में चाईबासा एवं आसपास के क्षेत्रों से पधारने वाले लोगों के मनोरंजन के लिए विभिन्न प्रकार के झूले-यथा ब्रेक डांस, टावर झूला, जॉइंट व्हील, ड्रैगन ट्रैन,बोट झूला, मिकी माउस, मारुती सर्कस एवं छोटे बच्चों के आनंद हेतु वाटर बोट, स्कार्पियो झूला, बेबी ट्रैन जंपिंग जैक आदि की व्यवस्था रहेगी।
स्वादिष्ट व्यंजनों में खाजा, पुचका, बर्गर, मोमोस, समोसा व विभिन्न प्रकार के केक एवं मिठाइयों के अलावा हस्त निर्मित परम्परिक सामग्री, बांस की टोपी, मनिहारी, क्रॉकरी, कृषि यन्त्र व कृषि उत्पाद मेले में अपनी उपस्थिति दर्ज़ कराएंगे। खास तौर पर सबसे महत्वपूर्ण तुला दान की भी व्यवस्था रहेगी।
मेले के आयोजन हेतु विकास चंद्र मिश्र को मेले के संयोजक के रूप में जिम्मेदारी सौंपी गयी तथा मेले के अभूतपूर्व एवं सफल आयोजन हेतु उनके सहयोगी के रूप में राधेश्याम अग्रवाल, सिद्ध गोपाल घायल, मधुसूदन अग्रवाल, नितिन प्रकाश, महेश गोयल, ललित शर्मा, बाबूलाल विजवर्गीय, जय प्रकाश मुंधड़ा, दिलीप शर्मा, जीतेन्द्र मधेसिया, इन्दर पसारी, सर्वेश पसारी, पवन चांडक, राजकुमार मुंध्रा, शिबू लाल अग्रवाल और दिलीप अग्रवाल ने भी अपनी सहमति दी है।
उक्त बैठक में श्री चाईबासा गौशाला के उपाध्यक्ष शहर के उद्योगपति सह समाजसेवी श्री राजकुमार शाह, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष देवेंद्र नाथ चम्पिया, वरिष्ठ अधिवक्ता निरंजन साव, सरिकेला नगर परिषद् उपाध्यक्ष मनोज कुमार चौधरी, सरदार गुरमुख सिंह खोखर एवं दीपक प्रसाद उपस्थित थे।
श्री चाईबासा गौशाला परिवार ने सभी नगरवासियों के साथ ही आस-पास के सभी आम जानो से आग्रह किया है कि दो वर्ष बाद पुनः आयोजित हो रहे इस ऐतिहासिक मेले में सपरिवार पधारें, मेले का आनन्द उठायें एवं इसे सफल बनायें। ताकि गौ माता की कृपा सभी पर सदा बनी रहे और परिवार में खुशहाली रहे।