केंद्र सरकार के अदालती फैसले पर ‘सूत्रकार समाचार’ की जन-समीक्षा

केंद्र सरकार ने 2016 में लिया था नोटबंदी का फैसला

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संतोष शर्मा

कोलकाताः केंद्र सरकार के 2016 में नोटबंदी के फैसले को सुप्रीम कोर्ट ने जहां सही ठहराया है, वहीं पश्चिम बंगाल की राजधानी महानगर कोलकाता के लोगों ने केंद्र सरकार के नोटबंदी फैसले पर सवाल उठाये हैं।

केंद्र सरकार के नोटबंदी पर अदालती फैसले आने के बाद ‘सूत्रकार समाचार’  ने जनता की राय ली। जनता की राय में केंद्र सरकार ने नोटबंदी करने के लिए जल्दबाजी में जो फैसला लिया था वह कुछ हद तक गलत था।

अगर सरकार को इस तरह का कोई भी फैसला लेना है तो वह जल्दबाजी में नहीं लेना चाहिए। देश हित में फैसले को थोड़ा वक्त देना चाहिए।

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार के नोटबंदी फैसले को सही ठहराया है इस पर हमें कुछ नहीं कहना है लेकिन सरकार से अपनी परेशानी की बात तो कह ही सकते हैं।

केंद्र सरकार ने नोटबंदी कर कालाधन का सफाया करने का जो दावा किया था, वह शायद अधूरा रह गया। कालाधन तो दूर की बात जो लोग देश का धन लेकर विदेशों में फरार हो गये हैं उन्हें सरकार कब तक अपने काबू में करेगी।

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नोटबंदी से अगर लाभ पहुंचा है तो वह सिर्फ धनी लोगों को। काला धन को सफेद करने का लाभ मिला लेकिन आम जनता को क्या हासिल हुआ। सिर्फ परेशनी और आर्थिक तंगी।

इसलिए सरकार ने नोटबंदी का जो फैसला लिया था उसे गलत ही कहना चाहिए। अगर इस तरह का फैसला लेना ही था तो जनता को थोड़ा वक्त देना चाहिए था। सरकार को जनता की दिक्कतों पर भी गौर करना चाहिए।

काला धन का साफाया करने के लिए नोटबंदी और फिर कोरोना से बचने के लिए लॉकडाउन इन दो फैसले से सबसे ज्याता क्षति आम जतना को पहुंची है।

नोटबंदी से जहां दो वक्त की रोटी के लिए मेहनत-मजदूरी करने वाले लोग ही सबसे ज्यादा परेशान हुए। उन्हें भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ा। वहीं, कोरोना की वजह से लॉकडाउन ने तो गरीबों को आर्थिक तंगी में डाल दिया।

लेकिन सरकार ने नोटबंदी और ल़ॉकडाउन की मार झेल रही आम जनता के लिए कोई बड़ा फैसला क्यों नहीं लिया।

नोटबंदी से देश की आर्थिक व्यवस्था में सुधार आया है या नहीं यह तो वित्तीय समीक्षा का विषय है लेकिन नोटबंदी से छोटे व्यापारियों को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचा है।

नोटबंदी से कारोबार छोड़कर नोट बदलने के लिए दिन भर लाइन में खड़ा होना पड़ा। इसलिए सरकार ने नोटबंदी का जो फैसला लिया वह छोटे व्यापारियों के हित में नहीं था। सरकार को ऐसे फैसले लेने में थोड़ा वक्त तो जरूर देना चाहिए।

स्पष्ट शब्दों में कहें तो नोटबंदी से देश को क्या लाभ हुआ? क्या देश आगे बढ़ा? देश का विकास हुआ ? अगर नोटबंदी जैसा कोई भी फैसला सरकार लेती है तो इस बात पर ध्यान रखना चाहिए कि इससे देश को कितना लाभ होगा।

सरकार को देश के आर्थिक विकास को ध्यान में रखते हुए फैसला लेना चाहिए लेकिन इसमें किसी भी तरह की जल्दबाजी न की जाये।