आज से राज्य में खुल रहे हैं स्कूल

पंचायत चुनाव में सहयोग के लिए प्रधानाध्यापकों को भी लिखा गया पत्र

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कोलकाता: गर्मी की छुट्टी खत्म हो गई। गुरुवार को प्रदेश के सभी सरकारी स्कूल खुल रहे हैं। विभिन्न विपक्षी शिक्षक संगठनों ने स्कूल खोलने से पहले जिला शिक्षा अधिकारियों (डीआई) द्वारा भेजे गए सर्कुलर के एक खंड पर आपत्ति जताई है। सर्कुलर के उस हिस्से में प्रधानाध्यापकों से पंचायत चुनाव में सहयोग करने का अनुरोध किया गया है। हालांकि सरकार समर्थक शिक्षक संघ ने इसका स्वागत किया है।
गौरतलब है कि प्रचंड ग्रर्मी पड़ने के कारण 2 मई से राज्य के सभी स्कूल बंद हो गए थे। राज्य शिक्षा विभाग ने पिछले सप्ताह स्कूल खोलने की अधिसूचना जारी की थी। अधिसूचना में स्कूल खुलने से पहले साफ-सफाई रखने, मध्याह्न भोजन सेवा की तैयारी समेत कई निर्देश या सुझाव थे।

उस अधिसूचना के प्रकाशन के तुरंत बाद राज्य में पंचायत चुनावों की घोषणा की गई। उसके बाद जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय से एक और निर्देश स्कूल प्रधानाध्यापकों को भेजा गया।

वहां स्कूल खोलने के संबंध में सिलसिलेवार निर्देश के अंत में प्रधानाध्यापकों से 2023 के पंचायत चुनाव के लिए संबंधित अधिकारियों को सहयोग करने का अनुरोध किया गया है।
राज्य में पंचायत चुनाव के लिए नामांकन नौ जून से शुरू हो गया है। नामांकन की अंतिम तिथि 15 जून (गुरुवार) को समाप्त हो जाएगा। 17 को स्क्रूटनी का आखिरी दिन है। पंचायत चुनाव में प्रत्याशियों के पास नामांकन वापस लेने के लिए 20 जून तक का समय दिया गया है। राज्य में 8 जुलाई को एक साथ पंचायत चुनाव होंगे। मतगणना 11 जुलाई को होगी इसलिए जिम्मेदार रिटर्निंग ऑफिसर जिले में 20 जून से मतदान की तैयारी शुरू कर देंगे।
डीआई के इन दिशा-निर्देशों के सामने आते ही विपक्षी शिक्षक संगठनों ने आपत्ति जताई है। ऑल बंगाल टीचर्स एसोसिएशन (एबीटीए) के नेता कृष्णा भट्टाचार्य ने कहा कि स्कूल के प्रधान शिक्षक अब चुनाव कार्यकर्ता या अधिकारी नहीं हैं। यदि चुनाव कराने के लिए विद्यालय भवन की आवश्यकता है तो इसकी व्यवस्था बीडीओ अनुमंडल पदाधिकारी करेंगे। इस मामले में प्रधानाध्यापक की कोई भूमिका नहीं है। वह केवल स्कूल का संरक्षक है। बंगाली टीचर्स एंड एजुकेशन वर्कर्स एसोसिएशन के नेता स्वपन मंडल ने कहा कि स्कूल खोलने के लिए कई निर्देश दिए गए हैं। पारंपरिक निर्देश के अलावा एक निर्देश जिसने हमें चौंका दिया, वह यह था कि शिक्षा विभाग ने प्रधानाध्यापकों को मतदान में सहायता करने के लिए कहा है। ऐसी स्थिति पहले नहीं आयी थी। अगर ऐसा है तो क्या ऐसे समय में पंचायत चुनाव के लिए स्कूल खोला गया है?’