कोलकाता: बकाया डीए को लेकर धरने पर बैठे राज्य सरकार के कर्मचारियों से विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने मुलाकात की। उसके बाद नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि राज्य सरकार को अपने कर्मचारियों को बकाया डीए देना ही पड़ेगा। डीए सरकारी कर्मचारियों का अधिकार है। उन्हें इससे वंचित नहीं किया जा सकता है।
सोमवार को विधानसभा से धर्मतल्ला के शहीद मीनार में डीए की मांग पर आंदोलन कर रहे राज्य के सरकारी कर्मचारियों के धरना मंच पर शुभेंदु पहुंचे। जहां उन्होंने आंदोलनकारियों को आश्वासन दिया कि वे डीए आंदोलन को समर्थन करते हैं।
बीजेपी विधायक इस आंदोलन का समर्थन कर रहे हैं। वह व्यक्तिगत रूप से आंदोलन के पक्ष में हैं। इस दौरान नेता प्रतिपक्ष ने केंद्रीय दर पर डीए की मांग कर राज्य सरकार को दिवालिया बताते हुए हमला भी किया।
शुभेंदु अधिकारी के साथ बीजेपी विधायक सोमवार को विधानसभा सत्र से पैदल धर्मतल्ला के शहीद मीनार में डीए धरना मंच पर पहुंचे। वहां अनशन और धरने पर बैठे सरकारी कर्मचारियों को संबोधित करते हुए शुभेंदु ने कहा, कई लोगों की तरह हम भी आपके साथ हैं।
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हाईकोर्ट की एकलपीठ, खंडपीठ में आप मामला जीत चुके हैं। राज्य सरकार को आज नहीं तो कल डीए का भुगतान करना ही पड़ेगा। हम बिना किसी शर्त आपके साथ खड़े हैं।
अधिकारी ने यह भी कहा, हम विधानसभा में मुख्य विपक्षी पार्टी हैं। आंदोलनकारियों का न्यायिक अधिकारों के लिए लड़ाई विजयी हो। इसमें हमारा नैतिक समर्थन है। राजनीति के बाहर से हम आंदोलन का समर्थन करते हैं।
बता दें, धर्मतल्ला के शहीद मीनार में बकाया डीए को लेकर संयुक्त मंच का 39 दिनों से आंदोलन चल रहा है। जिसमें अनशन भी शामिल है। इस बीच कई अनशनकारी अस्वस्थ हो गये जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
दूसरी ओर, केंद्र की तर्ज पर डीए, सभी शैक्षणिक संस्थानों और सरकारी कार्यालयों में पारदर्शी भर्ती और संविदा कर्मचारियों के नियमितीकरण की मांग को लेकर पश्चिम बंगाल राज्य सरकार कर्मचारी संगठन राज्य समन्वय समिति ने 10 मार्च को प्रशासनिक हड़ताल का आह्वान किया है। इसका राज्य सरकार के कई कर्मचारी संगठनों ने समर्थन भी किया है।