…तो ममता ने गलत नहीं कहाः फिरहाद

नैनो कारखाने पर फिर हुई सियासत

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कोलकाताः सिंगुर से टाटा समूह के नैनो कारखाने को हटाये जाने के मसले पर पश्चिम बंगाल की सीएम तथा टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी के बयान का कोलकाता के मेयर फिरहाद हकीम ने समर्थन किया है।

फिरहाद ने गुरुवार को कहा कि सचमुच नैनो कारखाने के हटने के पीछे सीपीएम का हाथ था। फिरहाद ने सवाल उठाया कि उद्योग लगाने के लिए जमीन देने से पहले पूर्व वाममोर्चा सरकार को लैंड बैंक बनाने की जरुरत थी।

लेकिन ऐसा नहीं करके जबरन किसानों से जमीन ली गई थी जो किसी भी सूरत में जायज नहीं था।

ज्ञात रहे कि सीएम ममता बनर्जी ने बुधवार को उत्तर बंगाल में कहा था कि नैनो कारखाने को सिंगुर से हटाने में सीपीएम का हाथ था। ममता के इस बयान पर चुटकी लेते हुए भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेता दिलीप घोष ने कहा है कि मुख्यमंत्री झूठ के अलावा मजाक भी अच्छा कर लेती हैं।

स्मरण रहे कि सिंगुर परियोजना को हटाये जाने पर तब टाटा समूह के कर्णधार रतन टाटा ने कहा था कि मैं सिर पर बंदूक सटाने से भी डरने वाला नहीं था लेकिन ममता ने तो ट्रिगर ही दबा दिया था। समझा जाता है कि नैनो परियोजना के सफाये के साथ बंगाल में निवेश की संभावनाओं का भी सफाया हो गया था।

फिलहाल आसन्न पंचायत चुनाव के मद्देनजर फिर से नैनो कारखाने की दास्तान को उभारा जा रहा है।

सिंगुर में मौजूद सूत्रों के अनुसार गोपालनगर और आस-पास के इलाकों में नैनो कारखाने को हटाने का बाद से लेकर अब तक खेती का काम नहीं हो सका है।

लंबी कानूनी लड़ाई के बाद टाटा समूह को सिंगुर से अपने कारखाने को अलग हटा कर गुजरात ले जाना पड़ा था। जिस जमीन पर कारखाना लगा था वहां मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सरसों के बीज बोने की शुरुआत की थी।

लेकिन लोगों का कहना है कि वहां की जमीन अब बंजर हो चुकी है। न कारखाना बना, न खेती हुई। य़ुवा बेरोजगारों की संख्या बढ़ती गई। अलबत्ता कुछ लोगों को गद्दी जरूर मिल गई।