भाजपा का असली चेहरा सांप्रदायिक हैः ममता

सिख अधिकारी को खालिस्तानी बताए जाने को मुख्यमंत्री ने की भर्त्सना

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बांकुड़ा, सूत्रकार : मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को कहा कि राज्य में एक सिख आईपीएस अधिकारी को खालिस्तानी कहना भाजपा का ‘असली सांप्रदायिक चेहरा’ दिखाता है। मुख्यमंत्री बांकुड़ा में एक आधिकारिक कार्यक्रम को संबोधित कर रही थीं। उन्होंने कहा कि जब वे (भाजपा के लोग) एक सिख आईपीएस अधिकारी को पगड़ी पहने हुए देखते हैं, तो वे उसे खालिस्तानी कहते हैं। यह उनका असली सांप्रदायिक चेहरा है।

गौरतलब है कि पिछले दिनों संदेशखाली में एक सिख आईपीएस अधिकारी को कथित तौर पर खालिस्तानी कहने का आरोप बीजेपी नेता शुभेंदु अधिकारी पर लगा था। अधिकारी ने स्वयं यह शिकायत की कि उन्हें पगड़ी पहने होने के कारण खालिस्तानी कहा गया। यह वाकया उस समय का है जब राज्य के नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी उत्तर 24 परगना जिले के अशांत संदेशखाली जा रहे थे लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक दिया था जिसके बाद बीजेपी नेताओं और पुलिस में वाक्युद्ध हो गया था।

उस दौरान आईपीएस अधिकारी ने बीजेपी नेताओं को कानून व्यवस्था का हवाला देते हुए इलाके में प्रवेश करने से रोका था। तब भाजपा नेताओं और आईपीएस अधिकारी में तीखी बहस हो गई थी।

अधिकारी के साथ मौजूद भाजपा विधायक अग्निमित्रा पॉल ने दावा किया कि पुलिस अधिकारी अपने कर्तव्यों का पालन नहीं कर रहे थे, लेकिन इस आरोप को खारिज कर दिया कि भाजपा नेताओं ने उन्हें ‘खालिस्तानी’ कहा था।

सीएम ममता बनर्जी ने आरोप लगाया कि कई भाजपा शासित राज्य उनकी सरकार की कल्याणकारी योजनाओं की नकल कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा कहती है कि हमने पश्चिम बंगाल के लिए कोई विकास नहीं किया है लेकिन सच्चाई यह है कि भगवा पार्टी की ओर से शासित कई राज्य हमारी परियोजनाओं की नकल कर रहे हैं।

सिंगुर-नंदीग्राम अलग-अलग हैं

सीएम ममता बनर्जी ने भाजपा को चेतावनी देते हुए कहा कि सिंगूर-नंदीग्राम अलग-अलग हैं, एक की तुलना दूसरे से न करें। मुख्यमंत्री ने बांकुड़ा में सरकारी सेवा वितरण कार्यक्रम को संबोधित करते हुए ‘महत्वपूर्ण’ संदेश दिया।

उन्होंने कहा कि सिंगूर-सिंगूर, नंदीग्राम-नंदीग्राम, खतरा-खतरा। एक की तुलना दूसरे से न करें। बैठक में मुख्यमंत्री ममता संदेशखाली के बारे में भी संदेश दिया। जब संदेशखाली को ‘दूसरा नंदीग्राम’ कहा जा रहा है, तो ममता ने इस तुलना को खारिज कर दिया।

उन्होंने कहा कि मैं किसी भी गलत काम को नजरअंदाज नहीं करती। अगर अनजाने में कुछ होता है तो मैं उसका समर्थन भी नहीं करती। इसके बजाय मुझे मदद करने दीजिए। घटना के 55 दिन बीत जाने के बाद भी न तो पुलिस और न ही प्रवर्तन निदेशालय ही शाहजहां का पता लगा सका। हमें काम करने दिजीए।