कोलकाता: मुख्यमंत्री ममता बनर्जी नीति आयोग की बैठक में शामिल होने दिल्ली नहीं जा रही हैं। यह पहले से पता था, लेकिन नवान्न के अनुसार बैठक में राज्य प्रशासन के प्रतिनिधि के तौर पर कोई मंत्री या शीर्ष नौकरशाह भी शामिल नहीं होगा।
नीति आयोग की बैठक से ठीक एक दिन पहले शुक्रवार को यह साफ हो गया है कि शनिवार को दल्ली में हो रही नीति आयोग की बैठक बैठक में राज्य से कोई प्रतिनिधि नहीं रहेगा। मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा था कि वह राज्य की मांगों को लेकर बैठक में शामिल होंगी। उन्होंने कहा कि आखिर में सूर्यास्त के बाद मुझे बताया जाएगा। सूर्योदय से पहले वे मेरा चेहरा नहीं देखते। बाद में सीएम ने नीति आयोग की बैठक में शामिल होने से इनकार कर दिया था।
गौरतलब है कि नीति आयोग की बैठक में मुख्यमंत्री की जगह राज्य के मुख्य सचिव हरिकृष्ण द्विवेदी और वित्त राज्य मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य जाएंगे। इसी तरह केंद्र सरकार को पत्र भेजकर जनप्रतिनिधियों के नाम भी बताए गए थे।
सूत्रों के अनुसार लेकिन जवाबी पत्र में केंद्र ने जानकारी दी है कि मुख्यमंत्री बैठक में शामिल हों तो बेहतर है। ऐसे में नवान्न को लगता है कि केंद्र किसी को मुख्यमंत्री के प्रतिनिधि के रूप में नहीं चाहता है, यह बात उस पत्र में स्पष्ट है।
राज्य में विपक्षी दलों ने भी यह सवाल उठाया है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी नीति आयोग की बैठक में क्यों नहीं जा रही हैं। हालांकि, तृणमूल कांग्रेस का कहना है कि बंगाल को नीति आयोग की बैठक में बोलने का अवसर बहुत बाद में मिलता था। इसके अलावा, बकाया राशि के साथ ऐसी बैठक बुलाना व्यर्थ है।
हालांकि, वामपंथी, कांग्रेस राज्य नेतृत्व का मानना है कि राज्य की मांगों को उठाने लिए मुख्यमंत्री को व्यक्तिगत रूप से बैठक में शामिल होना चाहिए था। ऐसे में सत्ताधारी तृणमूल का देर से वक्तव्य रखने देने की बात बेमानी है।