प. बंगालः ममता को फिर आयी सिंगूर आंदोलन की याद

ट्वीट कर किया दर्द बयां

116

कोलकाताः आज से 16 साल पहले पश्चिम बंगाल में सिंगूर किसान आंदोलन को लेकर तृणमूल कांग्रेस की सुप्रीमो तथा वर्तमान में सीएम ममता बनर्जी ने जो भूख हड़ताल की थी उसे आय करती हुईं ममता ने ट्वीट कर अपने दर्द को बयां किया।

सोमवार को दिल्ली में G-20 शिखर सम्मेलन पर बैठक होने वाली है। उस बैठक में हिस्सा लेने के लिए ममता बनर्जी भी दिल्ली के लिए रवाना हो रही हैं। दिल्ली जाने से पहले ममता ने सिंगूर आंदोलन को लेकर बंगाल की राजधानी महानगर कोलकाता के धर्मतल्ला में जो भूख हड़ताल की थी उसे लेकर ट्वीट कर अपना दर्द बयां किया।

आपको बता दें कि केंद्र सरकार ने अगले साल 2023 में भारत की मेजबानी में होने वाले G-20 शिखर सम्मेलन के लिए सुझाव मांगने, रणनीतियों पर चर्चा करने और अंतिम रूप देने के लिए सोमवार को सर्वदलीय बैठक बुलाई है। बैठक में प. बंगाल की सीएम और तृणमूल सुप्रीमो ममता बनर्जी भी शिरकत करेंगी।

बैठक में हिस्सा होने को लेकर ममता ने पहले ही कहा है कि वह बैठक में तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो के रूप में भाग लेंगी, न कि प. बंगाल के मुख्यमंत्री के रूप में। रविवार को दिल्ली रवाना होने से पहले सीएम ममता बनर्जी ने ट्वीटकर अपने राजनीतिक संघर्ष में सिंगूर आंदोलन का जिक्र किया।

इसे भी पढ़ेः बीरभूम में TMC सांसद शताब्दी रॉय के खिलाफ प्रदर्शन

ममता ने बताया कि उन्होंने उस वक्त जो भूख हड़ताल शुरू की थी वह सिर्फ सिंगूर के लिए नहीं, बल्कि देशभर के किसानों के हित के लिए था। ममता ने अपने ट्वीट में लिखा कि असहाय लोगों के लिए संघर्ष करना उनका नैतिक कर्तव्य है। लड़ाई उनकी जीवन शक्ति है। वे लोगों के अधिकार पर कभी भी सवाल उठाने नहीं देंगी।

उल्लेखनीय है कि, साल 2006 के 4 दिसंबर को सिंगूर आंदोलन के संदर्भ में तत्तकालीन विपक्षी नेता ममता बनर्जी महानगर कोलकाता के धर्मतल्ला में भूख हड़ताल पर बैठी थीं।

इसके बाद ममता 2011 में हुए विधानसभा चुनाव जीतकर प्रदेश की मुख्यमंत्री बनीं। इसे भी 11 साल हो गए है। तृणमूल सुप्रीमो ने कहा कि वह सिंगूर आंदोलन नहीं भूली हैं। रविवार, 4 दिसंबर को सिंगूर आंदोलन के 16 साल हो गए।

ममता की भूख हड़ताल 28 दिसंबर, 2006 तक चली थी। ममता की भूख हड़ताल ने सिर्फ प्रदेश की राजनीति ही नहीं, राष्ट्रीय राजनीतिक को भी काफी प्रभावित किया था। जिससे बंगाल की तत्कलीन वाममोर्चा सरकार भी दबाव में पड़ गयी थी। उस हड़ताल और आंदोलन को ममता ने ट्वीट कर एक बार फिर याद की।

ममता के इस ट्वीट पर तृणमूल नेताओं का कहना है कि मुख्यमंत्री हर साल इस दिन भूख हड़ताल को याद करती हैं लेकिन कुछ लोगों को लगता है कि इस बार का ट्वीट अन्य साल से काफी अलग है क्योंकि पंचायत चुनाव सामने है।