कोलकाताः आज से 16 साल पहले पश्चिम बंगाल में सिंगूर किसान आंदोलन को लेकर तृणमूल कांग्रेस की सुप्रीमो तथा वर्तमान में सीएम ममता बनर्जी ने जो भूख हड़ताल की थी उसे आय करती हुईं ममता ने ट्वीट कर अपने दर्द को बयां किया।
सोमवार को दिल्ली में G-20 शिखर सम्मेलन पर बैठक होने वाली है। उस बैठक में हिस्सा लेने के लिए ममता बनर्जी भी दिल्ली के लिए रवाना हो रही हैं। दिल्ली जाने से पहले ममता ने सिंगूर आंदोलन को लेकर बंगाल की राजधानी महानगर कोलकाता के धर्मतल्ला में जो भूख हड़ताल की थी उसे लेकर ट्वीट कर अपना दर्द बयां किया।
16 yrs ago today, I began my hunger strike for the farmers of Singur & rest of the nation.
It was my moral duty to fight for those who were left helpless due to the greed of the powerful.
That fight in me lives on. I’ll never let the rights of my people be threatened!
— Mamata Banerjee (@MamataOfficial) December 4, 2022
आपको बता दें कि केंद्र सरकार ने अगले साल 2023 में भारत की मेजबानी में होने वाले G-20 शिखर सम्मेलन के लिए सुझाव मांगने, रणनीतियों पर चर्चा करने और अंतिम रूप देने के लिए सोमवार को सर्वदलीय बैठक बुलाई है। बैठक में प. बंगाल की सीएम और तृणमूल सुप्रीमो ममता बनर्जी भी शिरकत करेंगी।
बैठक में हिस्सा होने को लेकर ममता ने पहले ही कहा है कि वह बैठक में तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो के रूप में भाग लेंगी, न कि प. बंगाल के मुख्यमंत्री के रूप में। रविवार को दिल्ली रवाना होने से पहले सीएम ममता बनर्जी ने ट्वीटकर अपने राजनीतिक संघर्ष में सिंगूर आंदोलन का जिक्र किया।
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ममता ने बताया कि उन्होंने उस वक्त जो भूख हड़ताल शुरू की थी वह सिर्फ सिंगूर के लिए नहीं, बल्कि देशभर के किसानों के हित के लिए था। ममता ने अपने ट्वीट में लिखा कि असहाय लोगों के लिए संघर्ष करना उनका नैतिक कर्तव्य है। लड़ाई उनकी जीवन शक्ति है। वे लोगों के अधिकार पर कभी भी सवाल उठाने नहीं देंगी।
उल्लेखनीय है कि, साल 2006 के 4 दिसंबर को सिंगूर आंदोलन के संदर्भ में तत्तकालीन विपक्षी नेता ममता बनर्जी महानगर कोलकाता के धर्मतल्ला में भूख हड़ताल पर बैठी थीं।
इसके बाद ममता 2011 में हुए विधानसभा चुनाव जीतकर प्रदेश की मुख्यमंत्री बनीं। इसे भी 11 साल हो गए है। तृणमूल सुप्रीमो ने कहा कि वह सिंगूर आंदोलन नहीं भूली हैं। रविवार, 4 दिसंबर को सिंगूर आंदोलन के 16 साल हो गए।
ममता की भूख हड़ताल 28 दिसंबर, 2006 तक चली थी। ममता की भूख हड़ताल ने सिर्फ प्रदेश की राजनीति ही नहीं, राष्ट्रीय राजनीतिक को भी काफी प्रभावित किया था। जिससे बंगाल की तत्कलीन वाममोर्चा सरकार भी दबाव में पड़ गयी थी। उस हड़ताल और आंदोलन को ममता ने ट्वीट कर एक बार फिर याद की।
ममता के इस ट्वीट पर तृणमूल नेताओं का कहना है कि मुख्यमंत्री हर साल इस दिन भूख हड़ताल को याद करती हैं लेकिन कुछ लोगों को लगता है कि इस बार का ट्वीट अन्य साल से काफी अलग है क्योंकि पंचायत चुनाव सामने है।