कोलकाता : राजभवन के बाहर टीएमसी सांसद अभिषेक बनर्जी के मंच से राज्य के मंत्री और कोलकाता नगर निगम के मेयर फिरहाद हकीम ने केंद्रीय एजेंसियों के कथित दुरुपयोग को लेकर केंद्र पर तीखा हमला बोला। इसके साथ ही उन्होंने भ्रष्टाचार के खिलाफ तृणमूल और राज्य सरकार की जीरो टॉलरेंस छवि पर भी प्रकाश डाला। अगर मेरे खिलाफ कुछ सबूत है तो मुझे निष्कासित कर दिया जाए। लेकिन क्या इसका मतलब यह है कि हर किसी ने गलत किया है? क्या हर कोई भ्रष्ट है? दरअसल, भाजपा तृणमूल से डरती है। हालांकि राजभवन के बाहर मंच से उन्होंने सीधे तौर पर किसी का नाम नहीं लिया, लेकिन राज्य के मंत्री फिरहाद हकीम ने सब कुछ स्पष्ट कर दिया। उन्होंने कहा कि ब्रात्य बोस के राज्य के शिक्षा मंत्री का कार्यभार संभालने से पहले पार्थ चटर्जी ने यह जिम्मेदारी संभाली थी। राज्य का सत्ताधारी खेमा पहले भी कई बार यह साफ कर चुका है कि तृणमूल भ्रष्टाचार से कोई समझौता नहीं करती। पार्थ की गिरफ़्तारी के तुरंत बाद उन्हें पार्टी के सभी पदों से हटा दिया गया। यहां तक कि उन्हें राज्य के मंत्रिमंडल के दायित्वों से भी मुक्त कर दिया गया।