रांचीः अवैध खनन मामले में बड़हरवा के टेंडर विवाद के जिस केस को आधार बनाकर ईडी ने मनी लांड्रिंग के तहत अनुसंधान शुरू किया था, उस केस के आरोपित पंकज मिश्रा व मंत्री आलमगीर आलम को साहिबगंज पुलिस ने क्लीनचिट दे दिया है।
अब ईडी ने उस केस के अनुसंधानकर्ता एएसआइ सरफुद्दीन खान को समन कर पांच दिसंबर को ईडी के दफ्तर में उपस्थित होने को कहा है।
एएसआइ को ईडी के कई प्रश्नों का उत्तर देना होगा। उन्हें यह बताना होगा कि टेंडर से हटने के लिए शिकायतकर्ता शंभूनंदन कुमार को धमकाने वालों के फोन की जांच के लिए उन्होंने क्या कदम उठाया।
जब फोन पर धमकाया गया तो उस रिकार्डिंग की आवाज का मिलान के लिए उन्होंने क्या किया और उक्त आवाज की जांच के लिए फोरेंसिक लैब का सहारा क्यों नहीं लिया गया?
गौरतलब है कि बड़हरवा थाने में 12 जून 2020 को पाकुड़ के हरिणडंगा बाजार निवासी शंभूनंदन कुमार के बयान पर प्राथमिकी दर्ज की गई थी।
इसमें तपन सिंह, दिलीप साह, इश्तखार आलम, मुंख्यमंत्री हेमंत सोरेन के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा, मंत्री आलमगीर आलम, तेजस भगत, कुंदन गुप्ता, धनंजय घोष, राजीव रंजन शर्मा, निताई, टिंकू रज्जाक अंसारी व अन्य अज्ञात आरोपित बने थे।
इसमें आरोपितों पर मारपीट का आरोप लगा था। छानबीन में पंकज मिश्रा व आलमगीर आलम के विरुद्ध साक्ष्य नहीं मिला, जिन्हें निर्दोष पाते हुए अन्य आठ आरोपितों के विरुद्ध 30 नवंबर 2020 को चार्जशीट दाखिल किया गया था।
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