दोहाः फीफा वर्ल्ड कप में शनिवार को ऑस्ट्रेलिया और ट्यूनीशिया की टीमें आमने-सामने थीं। इस मैच में ऑस्ट्रेलिया की टीम ने 1-0 से जीत दर्ज की। इसी के साथ 12 साल के लंबे गैप के बाद ऑस्ट्रेलियाई टीम ने फीफा में कोई जीत हासिल की है। इस जीत के साथ ऑस्ट्रेलिया की टीम ने खुदको वर्ल्ड कप में जीवित भी रखा है।
मिचेल ड्यूक के गोल की मदद से ऑस्ट्रेलिया ने शनिवार को यहां ट्यूनीशिया को 1-0 से हराकर विश्व कप फुटबॉल टूर्नामेंट में अपनी उम्मीद जीवंत रखी।
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ऑस्ट्रेलिया को नॉकआउट में जगह बनाने की अपनी उम्मीदों को जीवंत रखने के लिए इस मैच में केवल ड्रॉ की जरूरत थी लेकिन ड्यूक के 23वें मिनट में किए गए गोल से वह पूरे तीन अंक हासिल करने में सफल रहा।
ऑस्ट्रेलिया की 2010 में सर्बिया के खिलाफ जीत के बाद विश्वकप में यह पहली जीत है। इस परिणाम का मतलब है कि ऑस्ट्रेलिया अभी अंतिम 16 में जगह बना सकता है। वह अपने पहले मैच में मौजूदा चैंपियन फ्रांस से 4-1 से हार गया था।
ऑस्ट्रेलिया के पास नॉकआउट में जाने का मौका
ग्रुप डी में अब फ्रांस और ऑस्ट्रेलिया दोनों के तीन-तीन अंक हैं। डेनमार्क और ट्यूनीशिया के एक एक अंक हैं। फ्रांस को अभी डेनमार्क का सामना करना है।
इस ग्रुप के अंतिम चरण के मैच बुधवार को खेले जाएंगे जिसमें ट्यूनीशिया का सामना फ्रांस से और ऑस्ट्रेलिया का डेनमार्क से होगा। इस मैच में दोनों टीम की शुरुआत अच्छी नहीं रही। ड्यूक ने ऐसे में अपनी चपलता दिखाकर गोल दागा।
उन्होंने पहले मैदान के बीच में गेंद को संभाला और फिर उसे क्रेग गुडविन के पास दिया। इसके बाद ड्यूक ने तेज दौड़ लगाई और गुडविन के क्रॉस पर दर्शनीय गोल किया।
ड्यूक ने गोल करने के बाद अपने हाथ से हवा में ‘जे’ बनाया जो उनके पुत्र जैकसन के लिए था। जैकसन स्टेडियम में मौजूद थे। इस गोल से लाल रंग के वस्त्र पहनकर स्टेडियम में पहुंचे ट्यूनीशिया के समर्थक सन्न रह गए जबकि पीले वस्त्रों से सज्जित ऑस्ट्रेलियाई फैंस उछलने लगे।
ट्यूनीशिया ने पिछले मैच में यूरोपीय चैंपियनशिप के फाइनल में पहुंचने वाले डेनमार्क को गोल रहित ड्रॉ पर रोककर प्रभावित किया था लेकिन वह ऑस्ट्रेलिया को कुछ अवसरों पर पर ही चुनौती दे पाया।
ऑस्ट्रेलिया ने भी एक गोल की बढ़त के बाद गोल बचाने पर अपनी ताकत लगा दी। ट्यूनीशिया अपने छठे विश्वकप में खेल रहा है लेकिन वह कभी पहले दौर से आगे नहीं बढ़ पाया। वह अब भी नॉकआउट में जगह बना सकता है लेकिन इसके लिए उसे फ्रांस की मजबूत टीम को हराना होगा।