राष्ट्रगान मानहानि मामले में भाजपा को फिर कोर्ट से राहत

कोर्ट के आदेश के बिना पुलिस नहीं कर सकती है आरोप पत्र दाखिल

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कोलकाता, सूत्रकार : विधानसभा में राष्ट्रगान मानहानि मामले में बीजेपी विधायकों को एक बार फिर बुधवार को कलकत्ता हाईकोर्ट से राहत मिल गयी है। कोर्ट ने आदेश दिया कि बिना उसके आदेश के बिना पुलिस आरोप पत्र दाखिल नहीं कर सकती है। कलकत्ता उच्च न्यायालय की न्यायमूर्ति जय सेनगुप्ता की पीठ ने कहा कि पुलिस फिलहाल उन दोनों मामलों में किसी भी बीजेपी विधायक को पूछताछ के लिए नहीं तलब कर सकती है।

राज्य ने इस मुद्दे पर एकल पीठ द्वारा पारित पहले मामले के आदेश को चुनौती देते हुए डिवीजन बेंच की ओर रुख किया था। यह मामला अभी भी कोर्ट में विचाराधीन है। इसलिए पुलिस दूसरे मामले में कोई जांच आगे नहीं बढ़ा सकती है। दोनों मामलों पर एकल पीठ सात फरवरी को सुनवाई कर सकती है। इससे पहले मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ राज्य की ओर से दायर पहले मामले की सुनवाई कर सकती है। उसके बाद अगला निर्णय लिया जायेगा।

गौरतलब है कि पिछले साल नवंबर के अंत में विधानसभा के शीतकालीन सत्र हंगामे का भेंट चढ़ गया था। एक और जहां टीएमसी की ओर से बीआर अंबेडकर की प्रतिमा के नीचे मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नेतृत्व में तृणमूल का धरना कार्यक्रम चल रहा था। वहीं, दूसरी ओर विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी के नेतृत्व में प्रर्दशन किया गया। इस दौरान दोनों पार्टियों की ओर से जमकर चोर-चोर के नारे लगे थे। इस बीच तृणमूल की ओर से धरना खत्म करने के बीच राष्ट्रगान गाया था।

हालांकि सत्तारूढ़ पार्टी का आरोप है कि राष्ट्रगान के दौरान भी बीजेपी विधायक लगातार नारे लगाते रहे और इसी के चलते तृणमूल ने बीजेपी पर राष्ट्रगान का अपमान करने का आरोप लगाया है। इस मामले को लेकर आठ बीजेपी विधायकों के खिलाफ हेयर स्ट्रीट थाने में एफआईआर दर्ज की गई है। बीजेपी विधायकों ने एफआईआर को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।