तमलुक सहकारी चुनाव में  TMC कार्यकर्ताओं के साथ संघर्ष, लाठीचार्ज

CPM-BJP एकसाथ

192

तमलुकः पश्चिम बंगाल के पूर्व मेदिनीपुर जिले में तमलुक सहकारी चुनाव को लेकर तृणमूल के साथ सीपीएम-बीजेपी गठबंधन के समर्थकों के बीच संघर्ष की घटना घटी है।

तमलुक के खारूई-गथरा सहकारी समिति के चुनाव रविवार को हैं। सुबह से ही इलाके में तनाव है। स्थिति को काबू में करने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज किया।

उस सहकारी में कुल सीटें 43 हैं। तृणमूल ने सभी 43 सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं। वहीं, वाम-भाजपा खेमे ने नंदकुमार और महिषादल की तरह हाथ मिला लिया है।

भाजपा की शिकायत है कि तृणमूल उनके मतदाताओं को रोक रही है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि मतदाताओं को डराकर बूथ पर्ची छीनी जा रही है।

इसे भी पढ़ेंः सीएम हेमंत सोरोन की गिरफ्तारी पर असमंजस में ईडी

दोनों खेमों के बीच पहली नोकझोंक शुरू हुई. बाद में यह मारपीट में बदल गया। स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए पुलिस ने लाठियां भांजी। हालांकि, तृणमूल ने वामपंथियों और भाजपा द्वारा लगाए गए सभी आरोपों का खंडन किया।

बीजेपी ने टीएमसी पर लगाया वोटर्स को डराने का आरोप

बीजेपी के तमलुक सांगठनिक जिले के सचिव बामदेव गुचैत ने शिकायत की कि तृणमूल को सहकारिता उपचुनाव हारने का डर सता रहा है। उनके शब्दों में, “वे हमें पीट रहे हैं।

हमारे वोटरों को डरा रहे हैं। पर्ची निकाल ली गई है। साथ ही बाहर के लोग भी गड़बड़ी कर रहे हैं।

उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर ऐसी घटनाएं नहीं रुकीं, अगर इलाके में शांति नहीं रही तो मैं पलटकर दिखा दूंगा कि हम किसी भी से कम नहीं हैं।

सहकारी चुनाव में भाजपा और माकपा के बीच गठबंधन, टीएमसी से है मुकाबला

तृणमूल का प्रतिवाद यह है कि यह भाजपा और सीपीएम का गठबंधन है जिसने क्षेत्र में अशांति का माहौल बनाया है। शहीद मातंगिनी पंचायत समिति के अध्यक्ष तृणमूल नेता राजेश हाजरा ने कहा कि बीजेपी बक्छा से लोगों को मैनार में लेकर आई है।

इलाके में कोई उनका चेहरा नहीं जानता, लेकिन हमने स्थानीय लोगों के साथ चुनाव कराया है। अगर उनमें से कोई मतदान नहीं कर सकता है तो मुझे बताएं। मैं व्यवस्था कर रहा हूं।

सहकारी चुनाव में एक साथ आ रहे हैं वाम और भाजपा समर्थक

यहा बता दें कि, पूर्वी मेदिनीपुर में 3 सहकारिता चुनाव में वामपंथी और भाजपा आमने-सामने लड़े थे। सबसे पहले, वाम-भाजपा गठबंधन ने 9 नवंबर को नंदकुमार की ‘बहरामपुर कोऑपरेटिव क्रेडिट सोसाइटी लिमिटेड’ के चुनाव में ‘संबाया बचाओ मंच’ बनाकर तृणमूल के खिलाफ लड़ाई लड़ी।

उन्होंने सभी 63 सीटों पर कब्जा कर लिया। हालांकि, महिषादल के केशबपुर जलपाई राधाकृष्ण कृषि समवाय समिति के चुनाव में वाम-भाजपा गठबंधन को करारा झटका लगा।

सहकारी समिति की 76 में से 68 सीटों पर तृणमूल का कब्जा था। बीजेपी-सीपीआई गठबंधन को सिर्फ 8 सीटों पर जीत मिली थी।