CM ममता का दो दिवसीय बीरभूम दौरा

नहीं दिखेगी अणुब्रत की तस्वीर

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कोलकाता/ बीरभूमः  मुख्यमंत्री ममता बनर्जी 30 और 31 जनवरी को दो दिवसीय बीरभूम जिले के दौरे पर जाने वाली हैं। उनके दौरे के दौरान टीएमसी जिलाध्यक्ष और पशु तस्करी मामले के आरोपी अणुब्रत मंडल की तस्वीर नहीं लगाने का फरमान जारी कर दिया गया है।

इसके बाद अब राजनीतिक गलियारों में अटकलें तेज हो गयी है। लोगों का मानना है कि राज्य में मवेशी तस्करी के मामले में गिरफ्तार अणुब्रत से मुख्यमंत्री दूरी बनाती दिख रही हैं।

30 जनवरी को सीएम के बीरभूम दौरे के दौरान अणुब्रत न केवल शारीरिक रूप से बल्कि तस्वीरों में भी अनुपस्थित रहेंगे। उनकी तस्वीर कहीं भी पोस्टर या बैनर पर नहीं होगी। ऐसा निर्देश कोर कमेटी के संयोजक विकास रायचौधरी ने शनिवार को तृणमूल की जिला कमेटी की बैठक में दिया।

इस बारे में जब कुछ लोगों ने सवाल किया तो कोर कमेटी के एक अन्य सदस्य अभिजीत सिंघा ने कहा कि कानूनी पेचीदगियों के चलते पार्टी को यह रणनीति अपनानी पड़ी है। बता दें कि अणुब्रत इस समय जेल में हैं।

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प्रशासनिक सूत्रों के मुताबिक सीएम 30 जनवरी को बीरभूम दौरे पर जा रही हैं। अगले दिन 31 जनवरी को प्रशासनिक बैठक है। 1 फरवरी को बोलपुर के डाकबंगला मैदान में प्रशासनिक बैठक करेंगी। लंबे समय बाद मुख्यमंत्री इस जिले का दौरा करेंगी।

पार्टी की ओर से दावा किया गया है कि सीएम की सभा में भारी संख्या में टीएमसी के कार्यकर्ता हाजिर होंगे। कुल मिलाकर देखा जाए तो अणुब्रत की गिरफ्तारी के बाद पार्टी को कोई नुकसान नहीं हुआ है। तस्वीर नहीं लगाने के निर्देश पर पार्टी के एक धड़े का दावा है कि यह रणनीति दबंग छवि को खत्म करने के लिए अपनाई गई है।

हालांकि विपक्षी पार्टियों का दावा है कि पार्टी साफ-सुथरी छवि बनाए रखने के लिए आरोपी अणुब्रत को संगठन से हटाने की तैयारी कर रही है।

हालांकि बैठक में लिए गए इस फैसले के बारे में पार्टी के जिला प्रवक्ता मलय मुखोपाध्याय ने कहा कि अणुब्रत मंडल की गैरमौजूदगी में उनके कार्यकर्ता और उनके संगठन का परीक्षण करना होगा कि वे कैसे काम कर रहे हैं।