शिक्षक भर्ती घोटालाः माणिक के करीबी तापस मंडल से ED की पूछताछ जारी
ईडी ने कई बार तापस मंडल को पूछताछ के लिए बुलाया है
कोलकाताः प्राथमिक शिक्षा बोर्ड (primary education board) के पूर्व अध्यक्ष माणिक भट्टाचार्य (Manik Bhattacharya) के करीबी तापस मंडल से ईडी की पूछताछ चल रही है।
इसके पहले भी ईडी ने कई बार तापस मंडल को पूछताछ के लिए बुलाया है। शनिवार को फिर ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन से जुड़े आर्थिक लेन-देन का हिसाब को लेकर सीजीओ काॅम्पलेक्श में तापस मंडल से ईडी पूछताछ कर रही है।
तापस मंडल ने माणिक भट्टाचार्य पर कई आरोप भी लगाये है। उन्होंने कहा कि ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन के दौरान 20 करोड़ से अधिक रुपये का लेनदेन किया गया है। जिस मुद्दे पर ईडी की ओर से पूछताछ की जा रही है।
ईडी ने तापस मंडल के घर और दफ्तर की तलाशी ली थी। ईडी के मुताबिक तापस मंडल पर कई संस्थान से वित्तीय लेन-देन का आरोप है। अक्टूबर 2018 से अप्रैल 2019 के बीच करीब 530 निजी कॉलेजों और शैक्षणिक संस्थानों को आधारभूत सुविधाएं मुहैया कराने के नाम पर 50-50 हजार रुपये लिये गये थे।
लेकिन उन्हें किसी भी प्रकार की सेवा प्रदान नहीं की गयी। ईडी ने जिन शिक्षण संस्थानों में छापेमारी की थी, संभवत: उनका भी इस संस्थान से संबंध हो सकता है।
ईडी इसी बात का पता लगा रही है कि तापस के शिक्षण संस्थानों और ‘मेसर्स एक्योर कंसल्टेंसी सर्विसेस’ के बीच कोई वित्तीय लेन-देन हुआ है या नहीं।
तापस ने कहा कि इस पैसे का लेन-देन उनके महिषबथान कार्यालय में किया गया था। ऑफलाइन प्रवेश में देरी के लिए छात्रों से विलंब शुल्क के रूप में पैसा लिया जाता था।
इसे भी पढ़ेंः SSC : बंगाल में व्यावसायिक और शारीरिक शिक्षा नियुक्ति पर अंतरिम रोक
सभी लेन-देन नकद में ही हुआ करते थे। सारा पैसा सीधे माणिक के पास जाता था। वह बोर्ड के अध्यक्ष थे। स्वाभाविक रूप से उन्होंने ही सभी निर्णय लिए थे।
तापस ने दावा किया कि 2018 में डीएलएड कॉलेज में ऑनलाइन प्रवेश प्रक्रिया पूरी करने के बाद देखा गया कि कई सीटें खाली पड़ी हैं। उन्होंने कहा कि उन सीटों को कैसे भरा जाए इस बारे में उन्होंने तत्कालीन परिषद अध्यक्ष माणिक से संपर्क किया।
तापस ने दावा किया कि माणिक से बात करने के बाद छात्रों से विलंब शुल्क के तौर पर पांच हजार रुपये नकद लेने का फैसला किया गया।