बीएड कॉलेज के शिक्षकों का प्रदेश स्तरीय संघ का गठन , डॉ नंद किशोर बनें अध्यक्ष

दो माह में स्ववित्त योजना समाप्त नहीं होने पर आंदोलन की दी चेतावनी

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रांची :  झारखंड राज्य के 22 अंगीभूत महाविद्यालयों में b.Ed कोर्स के प्राध्यापकों की रांची स्थित हरमू पटेल भवन में डॉ विपिन प्रसाद सिंह की अध्यक्षता में एक बैठक हुई। विदित हो कि राज्य में 2005-2006 से ही b.Ed कोर्स का स्ववित्तपोषित योजना के अंतर्गत संचालन हो रहा है। बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि आज से संघ का नाम *झारखंड अंगीभूत महाविद्यालयविश्वविद्यालय बीएड शिक्षक संघ* होगा। संघ के अध्यक्ष डॉ नंदकिशोर सिंह सुलभ, कार्यकारी अध्यक्ष डॉ राजू ओझा, उपाध्यक्ष के तौर पर डॉ महबुब आलम, डॉ सीमा सिंह, प्रोफेसर फ्लोरेंस बेक, संघ के महासचिव प्रोफेसर एतवा टूटी, संयुक्त सचिव डॉ अरविंद कुमार मौर्य, प्रोफेसर हिमांशु शेखर महाकुड, डॉ भागवत राम, कोषाध्यक्ष की भूमिका में प्रोफेसर कृष्णकांत रवि, प्रदेश मीडिया प्रभारी सह प्रवक्ता डॉ दीपक प्रसाद,  प्रोफेसर नितिन कुमार घोष, कार्यकारी समिति डॉ विपिन प्रसाद सिंह, डॉ रविंद्र प्रसाद, डॉ उपेंद्र कुमार, प्रोफेसर रितेश रंजन, मोहम्मद मुबारक करीम हाशमी, डॉ कनकलता जालूका, प्रोफेसर श्वेता प्रीति कुजुर, प्रोफेसर सुरेंद्र कुमार, प्रोफेसर राजीव लोचन नामता, प्रोफेसर अरुणिमा सिंह, प्रोफेसर राजेश समीर कच्छप, मनोनीत हुए।

संघ  का निर्णय 

1.बीएड प्राध्यापकों का स्थायीकरण

2.विश्वविद्यालयों में संग्रहित अरबों रुपयों का ऑडिट सरकार कैग से करवाएं।

  1. स्ववित्त योजना जो 17 वर्षों से चल रही है उसे सरकार समाप्त करें।
  2. झारखंड राज्य के सभी विश्वविद्यालयों में बीएड शिक्षकों को मिलने वाला वेतनमान में एकरूपता हो।
  3. उच्च शिक्षा विभाग केंद्रीकृत तरीके से सभी विश्वविद्यालयों के अंतर्गत कार्य करने वाले प्राध्यापकों एवं कर्मियों का एक सेवा शर्त एवं सप्तम वेतनमान देने के लिए नियमावली बनाकर सभी विश्वविद्यालयों को दिशा निर्देश दें।

संघ ने यह निर्णय लिया कि राज्य सरकार द्वारा 2 माह के अंदर अगर कोई ठोस पहल नहीं निकालती है तो सभी शिक्षक चरणबद्ध तरीके से आंदोलन करने को विवश होंगे इसकी सारी जिम्मेदारी महाविद्यालय, विश्वविद्यालय, उच्च शिक्षा विभाग एवं राज्य सरकार की होगी। यह जानकारी संघ के प्रदेश मीडिया प्रभारी सह प्रवक्ता डॉ दीपक प्रसाद ने दी।

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