निकाय चुनाव को लेकर झारखंड के नेता रेस

इस बार निकाय चुनाव दलीय आधार पर नहीं होगा

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रांची: झारखंड में बढ़ रही सर्दी के बीच निकाय चुनाव की घोषणा ने सामाजिक और राजनीतिक तपिश बढ़ा दी है। इस बार निकाय चुनाव दलीय आधार पर नहीं होगा।

इस बात की चर्चा भी जोरों से है। हालांकि राजनीति दलों में हिस्सा ले रहे तमाम पार्टी के कार्यकर्ता अपना – अपना किस्मत अजमाना चाहते हैं। राज्य निर्वाचन आयोग ने इस चुनाव के लिए मतदान की तिथि घोषित नहीं की है।

निकाय चुनाव को लोकतंत्र के अंतिम पायदान से जोड़कर देखा जाता है। तभी तो झारखंड प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दीपक प्रकाश कहते हैं नगर निकाय चुनाव दलीय आधार पर नहीं हो रहा हैं।

लेकिन भाजपा अपने कर्मठ उम्मीदवारों का समर्थन करेगी। वैसे भारतीय जनता पार्टी लोकतंत्र के किसी पर्व को गंभीरता से मनाती है।

झामुमो के वरिष्ठ नेता सुप्रियो भट्टाचार्य कहते हैं पहले निकाय है, फिर विधानसभा और लोकसभा।

निकाय चुनाव में झामुमो प्रत्येक वार्ड में भी अपना उम्मीदवार देगा और उन्हें सहयोग भी करेगा। कांग्रेस के झारखंड प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर भी इस निकाय चुनाव को गंभीरता से लेने की बात कहते हैं।

श्री ठाकुर के अनुसार पार्टी के समर्पित कार्यकर्ता सालों से इस चुनाव की तैयारी में लगे हैं। इस निकाय चुनाव में पार्टी मजबूत प्रत्याशी को मैदान में उतारेगी और सहयोग भी करेगी।

श्री ठाकुर कहते हैं गांधी जी के राम राज का सपना कांग्रेस ही पूरा कर सकती है।

निकाय चुनाव को लेकर राजनीतिक दल तो गंभीर हैं। दल के कार्यकर्ता भी पार्टी का समर्थन पाने के लिए अपने वरिष्ठ नेताओं का गणेश परिक्रमा में लग गये हैं।

राजधानी रांची सहित कई नगर निगम के मेयर का पद अनुसूचित जनजाति से हटकर अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित किये जाने के खिलाफ न्यायालय के शरण में गये हैं।

याचिका दायर करने वाले लक्ष्मी नारायण मुंडा और तिलका मुर्मू की माने तो पांचवी अनुसूचि के तहत अनुसूचित जिलों मेयर या अध्यक्ष का पद सिडयूल ट्राइब के लिए ही आरक्षित रहने का नियम है।

लेकिन चुनाव आयोग ने इस नियम का उल्लंघन करते हुए मेयर के पद को सिडयूल कास्ट को दे दिया है जो गैर कानूनी है। याचिकाकर्ता यह भी कहते हैं कि झारखंड में पांचवीं अनुसूचि लागू है, जिसके तहत तेरह अनुसूचित जिला है।

इसलिए मेयर का पद इन अनुसूचित क्षेत्र में अनुसूचित जनजाति के लिए ही रिजर्व रहेगा। रांची भी अनुसूचित क्षेत्र में आता है। बीते तीन चुनाव में यहां का मेयर सीट एसटी के लिए रिजर्व रहा है।

 

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