JIT का खुलासा इमरान खान पर हमला, सोची समझी साजिश

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान पर हमला एक ”सोची-समझी साजिश” का नतीजा

150

दिल्ली ।   पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पिछले महीने इस्लामाबाद की यात्रा के दौरान उनकी हत्या की कोशिश एक ”सोची-समझी साजिश” थी। दरअसल यह दावा मामले की जांच कर रही संयुक्त जांच टीम (JIT) ने किया है।

यह भी पढ़े : उत्तरी कोसोवो में पत्रकारों पर हमला

गौरतलब है कि पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के अध्यक्ष इमरान खान को 3 नवंबर को दाहिने पैर में गोली लगी थी, जब वजीराबाद इलाके में दो बंदूकधारियों ने उन पर और अन्य लोगों पर एक कंटेनर-माउंटेड ट्रक पर खड़े होकर गोलियों की बौछार की थी।

दरअसल इमरान खान उस वक्त मध्यावधि चुनाव के लिए दबाव बनाने के लिए लंबे मार्च का नेतृत्व कर रहे थे। मीडिया को जानकारी देते हुए हुए  पंजाब के गृह मंत्री उमर सरफराज चीमा ने कहा कि खान पर बंदूक से हमला “एक सुनियोजित और सुविचारित साजिश थी। साथ ही उन्होंने कहा कि जेआईटी जांच में पाया गया कि एक से अधिक हमलावरों ने रैली में 70 वर्षीय खान की हत्या करने की कोशिश की।

ज्ञात रहे है कि लाहौर पुलिस प्रमुख गुलाम महमूद डोगर की अध्यक्षता वाली जेआईटी मामले की जांच कर रहा था। उन्होंने कहा कि पीटीआई प्रमुख पर हमला करने वाला नवीद प्रशिक्षित शूटर है और हमले के समय वह अपने गिरोह के सदस्यों के साथ मौके पर मौजूद था।

वहीं नवीद ने पुलिस को बताया कि वह खान को मारना चाहता था क्योंकि उनके लॉन्ग मार्च के दौरान अजान के समय संगीत बजाया जाता था। बता दें कि नवीद का चचेरा भाई मुहम्मद भी पुलिस की हिरासत में है, उसपर सोशल मीडिया पर एक विवादित पोस्ट करने का आरोप है।

दरअसल 3 नवंबर को ट्वीट किया था कि ‘आज इमरान खान की रैली में कुछ बड़ा होने वाला है’। खान ने अपनी हत्या की साजिश रचने के लिए प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ, गृह मंत्री राणा सनाउल्लाह और आईएसआई के मेजर जनरल फैसल नसीर को जिम्मेदार ठहराया था। पंजाब पुलिस ने खान पर हत्या के प्रयास के संबंध में प्राथमिकी दर्ज की थी, लेकिन आईएसआई के शीर्ष व्यक्ति खान सहित हाई-प्रोफाइल संदिग्धों का उल्लेख नहीं किया, जिन्हें हमले के लिए जिम्मेदार ठहराया गया था। ज्ञात हो कि खान इस समय स्वास्थ्य लाभ ले रहे हैं और लाहौर के जमन पार्क स्थित अपने निवास में हैं।