जेएनयू प्रशासन के रोक के बावजूद वामपंथी छात्रों ने देखा बीबीसी का विवादास्पद डाक्यूमेंट्री

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रांची : पीएम नरेंद्र मोदी को लेकर बीबीसी की विवादास्पद डाक्यूमेंट्री पर जारी घमासान थमने का नाम नहीं ले रहा है । यूट्यूब और ट्विटर पर डाक्यूमेंट्री ब्लॉक होने के बावजूद लोग इंटरनेट के माध्यम से देख रहे हैं। जबकि केंद्र सरकार हर से रोकने का प्रयास कर रही है । ऐसा ही एक मामला दिल्ली के जेएनयू से आया है । जेएनयू प्रशासान के सख्ती के बावजूद वामपंथी छात्र संघ से जुड़े छात्रों ने डाक्यूमेंट्री को देखा. दरअसल, छात्र संगठन अपने कार्यालय में प्रोजेक्ट पर डाक्यूमेंट्री को दिखाना चाहते थे, लेकिन जेएनयू प्रशासन ने उस इलाके की बिजली ही कटवा दी. साथ ही जैमर लगा कर इंटरनेट सेवाएं भी बाधित करा दी । इसके बावजूद कुछ छात्रों ने जेएनयू परिसर से बाहर जा कर डाक्यूमेंट्री को डाउनलोड कर अपने मोबाइल और लैपटॉप पर देखा ।

डाक्यूमेंट्री पर क्यों है विवाद
बीबीसी ने 2002 में गुजरात के दंगों पर आधारित एक विवादास्पद डाक्यूमेंट्री इंडिया : द मोदी क्वेशचन बनाया है,जिसे बीबीसी ने यूट्यूब और ट्विटर पर लोड किया था, लेकिन केंद्र की मोदी सरकार के विरोध के बाद इसे ब्लॉक कर दिया गया ।

पूर्व रक्षा मंत्री के बेटे ने किया विरोध

केरल में कांग्रेस गुजरात के दंगों पर आधारित विवादास्पद डाक्यूमेंट्री को दिखाने की घोषणा की है, वहीं कांग्रेस के कद्दावर नेता और पूर्व रक्षा मंत्री एक के एंटनी के बेटे ने बीबीसी के डाक्यूमेंट्री का विरोध किया है. पूर्व रक्षा मंत्री के बेटे अनिल का कहना है कि ब्रिटिश प्रसारक बीबीसी के विचारों को भारतीय संस्थानों के द्वारा महत्व देना देश की संप्रभुता को कमजोर करेगा ।

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