महाराष्ट्रः काला जादू के आरोप में एक व्यक्ति ने रेत दिया अपनी भाभी का गला

महाराष्ट्र जादू-टोना विरोधी कानून के प्रचार में खामियां

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पुणेः महाराष्ट्र में जादू-टोना विरोधी कानून लागू होन के बाद भी अंधविश्वास के नाम पर हत्या जैसी घटना थमने का नाम नहीं ले रही है। ताजा घटना महाराष्ट्र के पुणे की है जहां एक 59 वर्षीय व्यक्ति ने जादू-टोना करने का आरोप लगाते हुए अपनी भाभी का गला रेत कर हत्या कर दी।

अभियुक्त का मानना ​​था कि उसकी भाभी ने परिवार पर काला जादू किया था। परिवार को काला जादू से बचान के लिए उसने भाभी की हत्या कर दी। पुलिस सूत्रों के अनुसार आरोपी की पहचान श्रीनिवास (59) निवासी वड़गांव शेरी के रूप में हुई है।

प्राथमिक पूछताछ में अभियुक्त श्रीनिवास श्रीराम ने पुलिस को बताया कि उसकी भाभी लक्ष्मीबाई श्रीराम काला जादू करती है। इसके चलते वह उसकी मां से भी उसे नहीं मिलने दे रही है। आरोपी ने यह वारदात पड़ोस के एक घर में अंजाम दिया। इस वारदात के वक्त उसके पड़ोसी ने एक धार्मिक आयोजन किया था, इसमें आरोपी और उसकी भाभी दोनों पहुंचे हुए थे।

सागर डासा के घर में धार्मिक आयोजन किया गया था। इसमें आरोपी की भाभी पहले से मौजूद थी। करीब डेढ़ बजे आरोपी भी इस कार्यक्रम में शामिल हुआ और आते ही उसने पहले अपनी भाभी पर काला जादू का आरोप लगाया। मामूली कहासुनी के दौरान एक झटके में अपनी भाभी का गला रेत दिया।

घटना की सूचना मिलने पर पुणे की चंदन नगर थाने की पुलिस घटनास्थल पर पहुंची। मृतका के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।

वहीं घटना में अभियुक्त को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। पुलिस की पूछताछ में आरोपी ने बताया कि उसने कई दिन पहले ही अपनी भाभी को रास्ते से हटाने की सोच ली थी लेकिन उसे मौका नहीं मिल रहा था। ऐसे में वह एक लंबे फल वाला धारदार चाकू हमेशा अपने साथ रखने लगा था। वह चाहता था कि जैसे ही मौका मिलेगा, वह बिना समय गंवाए वारदात को अंजाम दे देगा।

यह मौका सागर डासा के घर में आयोजित धार्मिक कार्यक्रम के दौरान उसे मिल गया। आरोपी ने पुलिस को बताया कि उसने हाल ही में यह चाकू बाजार से खरीदा था। फिर मौका देखकर उसने भाभी की चाकू से रेत दिया।

घटना के संबंध में आरोपी के पड़ोसी सागर डासा ने पुलिस में शिकायत दी है। पुलिस ने दोनों पक्षों के बयान दर्ज किया। आरोपी के खिलाफ केस दर्ज कर पुलिस मामले की जांच कर रही है।

महाराष्ट्र जादू-टोना विरोधी कानून के प्रचार में खामियांः प्रो. श्याम मानव

अखिल भारतीय अंधश्रद्धा निर्मूलन समित के संस्थापक तथा महाराष्ट्र जादू-टोना विरोधी कानून प्रचार प्रसार समिति के सह-अध्यक्ष प्रो. श्याम मानव ने कहा कि महाराष्ट्र में जादू-टोना विरोधी कानून पारित होन के बाद भी इस कानूना का सही तरह से प्रचार प्रसार नहीं किया जा रहा है।

इसकी मुख्य वजह है महाराष्ट्र की कूर्सी पर सरकार तो बदल गयी लेकिन जादू-टोना विरोधी कानून को सही तरह से लागू कर इसे जन-जन प्रचार करने में सरकार ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया। परिणाम, प्रदेश में आज भी जादू-टोना, अंधविश्वास के नाम पर हत्या जैसी घटना को भी अंजाम दिया जाता है।

उन्होंने कहा कि सरकार तंत्र के माध्यम से हर व्यक्ति तक पहुंचान संभव है लेकिन सिर्फ निजी विज्ञान संगठन अपने प्रयास से एक सीमा तक ही अंधविश्वास विरोध आंदोलन कर लोगों को जादू-टोना विरोधी कानून आदि के बारे में बता सकता है। इसलिए महाराष्ट्र सरकार से अपील है कि मौजूदा जादू-टोना विरोधी कानून का सही तरह से प्रचार प्रसार किया जाये।

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