कोलकाताः पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना के बारानगर स्थित राष्ट्रीय दिव्यांग संस्थान में एक छात्र की मौत हो गयी। बिहार का रहने वाला द्वितीय वर्ष का छात्र प्ररंजन सिंह बारानगर के बनहुगली में दिव्यांग संस्थान के छात्रावास में रहता था।
उसे छात्रावास में गंभीर हालत में पाया गया, जब साथी छात्र ने उसे छात्रावास से सागर दत्त मेडिकल कॉलेज अस्पताल में ले जा रहे थे तो प्रियंजन की रास्ते में ही मौत हो गई। आरोप है कि वह छात्र कुछ दिन पहले रैगिंग का शिकार हुआ था। संस्थान ने पांच छात्रों को निलंबित कर दिया था।
मंगलवार को छात्रों ने अस्पताल का गेट बंद कर जबरदस्त विरोध प्रदर्शन किया और सेवाएं व्यावहारिक रूप से बंद कर दी गईं। सूचना मिलने के बाद बारानगर थाने की पुलिस पहुंची है। छात्रों ने पुलिस का घेराव कर विरोध प्रदर्शन किया। संस्थान के निर्देशक को भी संस्थान में प्रवेश करने से रोक दिया गया है।
बिहार के गया का रहने वाला था मृत छात्र, कमरे में अचेत हालत में मिला
बिहार के गया के रहने वाले प्रियरंजन सिंह बारानगर डिसएबिलिटी हॉस्पिटल में मेडिकल के छात्र थे। उनके एक मित्र के शब्दों में, “सोमवार को लगभग रात 11:40 बजे, उनके एक रूममेट ने प्रियंजन को फोन किया, लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया।
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करीब 12 बजे तक रूममेट का फोन आया। इसके बाद उन्होंने हॉस्टल के कमरे का दरवाजा खटखटायाछ। बार-बार खटखटाने के बावजूद कोई नहीं खुला।
इसके बाद उसने खिड़की से देखा तो रूम में अंधेरा था। फोन की फ्लैश लाइट जली और देखा कि कुछ लटका हुआ है। उसके बाद सभी ने दरवाजा तोड़ा और 12:00 बजे प्रियरंजन को बाहर निकाला गया। उसमें अभी जान बची थी, लेकिन हमारे यहां ऑक्सीजन तक नहीं था। क्या ऐसे हालात अस्पताल में हो सकते हैं? एंबुलेंस सेवा भी नहीं है.
छात्रों ने शिकायत की कि संस्थान में न तो आपातकालीन सुविधाएं हैं और न ही न्यूनतम सेवाएं। इसलिए सागर दत्त को अस्पताल ले जाते समय उसकी मौत हो गई।
संस्थान में छात्रों का प्रदर्शन, डॉयरेक्टर के प्रवेश पर लगाई रोक
उसके बाद मंगलवार सुबह से बारानगर का दिव्यांग अस्पताल परिसर गर्म हो गया। छात्र सेवा को लेकर रोष जताते हुए धरने पर बैठ गये। हालांकि अस्पताल प्रशासन ने इस घटना को लेकर अभी तक कोई बयान नहीं दिया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार संस्थान में व्यापक प्रदर्शन हो रहा है और डॉयरेक्टर को छात्रों ने परिसर करने से रोक दिया है। संस्थान की गेट पर ताला लगा दिया है। सूत्रों के मुताबिक अस्पताल के अधिकारी पूरी घटना की जांच कराकर अपना मुंह खोलना चाहते हैं।