खिलाड़ियों को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का संदेश

मैदान में जाएं बोले जय बांग्ला

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कोलकाता, सूत्रकार : मुख्यमंत्री ममता बनर्जी खेल के मैदान में भी ‘जय बांग्ला’ की गूंज चाहती हैं। गुरुवार को ढांढन्या ऑडिटोरियम में खिलाड़ियों के पुरस्कार समारोह में उन्होंने यही संदेश दिया। उन्होंने एथलीटों को छह करोड़ 42 लाख रुपये का पुरस्कार दिया।

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शाहरुख खान की फिल्म ‘चक दे ​​इंडिया’ का भी जिक्र किया। कार्यक्रम में मौजूद खिलाड़ियों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि जब आप खेलने जाएं तो ‘जय बांग्ला’ कहकर प्रवेश करें। ममता ने कहा कि जय बांग्ला का मतलब बंगाली मां की जीत है। इस दिन बोलते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बंगाल के खिलाड़ियों की तारीफ भी की। उन्होंने कहा कि आप लोगों को और अधिक गोल्ड, सिल्वर और ब्रांज मेडल लाना चाहिए। आप अपना सिर ऊंचा करके खेलें। अपने मन में बस एक ही विचार रखो, तुम्हें खेलना है और जीतना है।

मुख्यमंत्री ने विस्तार से बताया कि उनकी सरकार ने बंगाल के खेल जगत के लिए क्या किया है। उन्होंने बताया कि कैसे राज्य सरकार मैदान के तीन बड़े क्लबों के साथ खड़ी है। उन्होंने यह भी बताया कि राज्य सरकार ढांचागत विकास के मामले में ईस्ट बंगाल, मोहन बागान और मोहमडन स्पोर्टिंग क्लब को विभिन्न तरीकों से मदद कर रही है। मुख्यमंत्री के मुताबिक बुनियादी ढांचे के विकास के लिए 28 करोड़ रुपये दिये गये हैं।

वहीं, उन्होंने कहा कि एवरेस्ट फतह करने में लेफ्ट से आगे है तृणमूल सरकार। राज्य सरकार ने राज्य के विभिन्न हिस्सों से चुने गये 322 खिलाड़ियों को विशेष पुरस्कार दिये। यहां पर सीएम ने बंगाल के खिलाड़ियों की तारीफ की। साथ ही, ममता ने यह भी बताया कि कैसे उनकी सरकार सत्ता में आने के बाद से बंगाल के खेल क्षेत्र के साथ खड़ी है। मुख्यमंत्री ने आंकड़ों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि बंगाल के 21 पर्वतारोही अब तक एवरेस्ट फतह कर चुके हैं लेकिन 2011 तक बंगाल से ये संख्या सिर्फ चार थी।

खेलश्री परियोजना के तहत खिलाड़ियों को पुरस्कृत करने से पहले मुख्यमंत्री ममता बनर्जी एक अलग ही रूप में नजर आईं। उन्होंने अलीपुर के ढांढन्या थिएटर में राज्य के खेल मंत्री अरूप विश्वास के साथ क्रिकेट खेली। अरूप द्वारा फेंकी गई गेंद पर मुख्यमंत्री ने बैटिंग की। यहां तक ​​कि उन्होंने फुटबॉल और हॉकी स्टिक पर भी हाथ आजमया। कार्यक्रम शुरू होने से पहले ममता ने खुद थिएटर में कुछ देर तक प्रस्तुति दी। उन्हें पहली बार फुटबॉल लेकर घूमते हुए देखा गया है। वह अकेले ही गेंद से खेल रही थीं।