प्रधानमंत्री ने कहा कि मैंने बार-बार कहा है कि हमें यूक्रेन में युद्ध-विराम और कूटनीति के रास्ते पर लौटने का तरीका तलाशना होगा। पिछली शताब्दी में द्वितीय विश्व युद्ध ने दुनिया पर कहर बरपाया था।
उन्होंने कहा कि उसके बाद उस दौर के नेताओं ने गंभीरता से शांति की राह पर चलने का प्रयास किया। अब हमारी बारी है। कोविड-19 वैश्विक महामारी के बाद एक नयी विश्व व्यवस्था बनाने की जिम्मेदारी हमारे कंधों पर है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि दुनिया में शांति, सद्भाव और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ठोस और सामूहिक संकल्प समय की मांग है।
मोदी ने कहा कि भारत अपनी अध्यक्षता के दौरान सभी प्रमुख मुद्दों पर वैश्विक सहमति कायम करने के लिए काम करेगा।
प्रधानमंत्री मोदी ने चुनौतीपूर्ण वातावरण के बीच जी20 के नेतृत्व के लिए इंडोनेशिया की तारीफ भी की।
उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन, कोविड-19 वैश्विक महामारी तथा यूक्रेन संकट और उससे उत्पन्न वैश्विक चुनौतियां.. इन सभी ने मिलकर दुनिया में तबाही मचा रखी है। वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाएं चरमरा गई हैं।
पूरी दुनिया में आवश्यक सामान का संकट है। हर देश के गरीब नागरिकों के लिए चुनौतियां अधिक हैं। उनके लिए रोजमर्रा की जिंदगी पहले से ही एक संघर्ष थी। प्रधानमंत्री ने कहा कि गरीब दोहरी मार से निपटने के लिए आर्थिक रूप से असमर्थ हैं।
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दोहरी मार के कारण, उनके पास इसे संभालने के लिए वित्तीय क्षमताओं का अभाव है। इसलिए आज दुनिया को जी-20 से अधिक अपेक्षाएं हैं और समूह की प्रासंगिकता बढ़ गई हैं। प्रधानमंत्री ने वैश्विक महामारी के दौरान खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए भारत के प्रयासों को भी रेखांकित किया।
वैश्विक महामारी के दौरान भारत ने अपने 1.3 अरब नागरिकों की खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित की। साथ ही कई जरूरतमंद देशों को अनाज भेजा गया। खाद्य सुरक्षा की दृष्टि से उर्वरकों की मौजूदा कमी भी एक बहुत बड़ा संकट है।
आज उर्वरकों का संकट कल खाद्य संकट में तब्दील हो जाएगा, इसलिए दुनिया को इसका समाधान खोजना होगा। हमें खाद और अनाज दोनों की आपूर्ति श्रृंखला को स्थिर और सुनिश्चित बनाए रखने के लिए साझा समझौता करना चाहिए।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दे रहा है और टिकाऊ खाद्य सुरक्षा के लिए बाजरा जैसे पौष्टिक व पारंपरिक खाद्यान्नों को फिर से लोकप्रिय बनाने की कोशिश कर रहा है।
बाजरा वैश्विक कुपोषण और भुखमरी की समस्या का समाधान कर सकता है। हम सभी को अगले वर्ष उत्साह के साथ अंतरराष्ट्रीय बाजरा वर्ष मनाना चाहिए।
जी-20 में अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, दक्षिण कोरिया, मैक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, तुर्किये, ब्रिटेन, अमेरिका और यूरोपीय संघ (ईयू) शामिल हैं।