कोलकाता। बंगाल में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के कार्यक्रम को लेकर राजनीति तेज हो गई है। राष्ट्रपति बनने के बाद द्रौपदी मुर्मू अपने पहले बंगाल दौरे पर हैं। ममता सरकार ने द्रौपदी मुर्मू को आज कोलकाता के नेताजी इंडोर स्टेडियम में सम्मानित किया।
इस सम्मान समारोह को लेकर बीजेपी और टीएमसी के बीच नया विवाद खड़ा हो गया है। दरअसल टीएमसी ने दावा किया है कि बीजेपी नेताओं को आमंत्रित करने के बावजूद बीजेपी ने कार्यक्रम का बहिष्कार करने का विकल्प चुना, जबकि बीजेपी दावा कर रही है कि उन्हें राज्य सरकार द्वारा कार्यक्रम में आमंत्रित नहीं किया गया।
नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने दावा किया है कि ममता सरकार द्वारा आयोजित कार्यक्रम में उन्हें नहीं बुलाया गया है। शुभेंदु ने ट्वीट किया, जो लोग उनके (ममता बनर्जी) के खिलाफ मतदान करने के लिए कतार में खड़े थे, वे मंच पर आएंगे और सम्मान समारोह में सुर्खियां बटोरेंगे। वहीं, जो लोग उनके पक्ष में मतदान करने के लिए लाइन में खड़े थे, उन्हें पश्चिम बंगाल सरकार ने आमंत्रित तक नहीं किया।
टीएमसी का पलटवार
टीएमसी ने भी इसे लेकर ट्वीट किया है और कहा है कि बंगाल में बीजेपी नेता निचले स्तर पर गिर गए हैं। नेताजी इंडोर स्टेडियम में होने वाले कार्यक्रम में आमंत्रित किए जाने के बावजूद उन्होंने इसका बहिष्कार करने का फैसला किया। जब ओछी राजनीति की बात आती है तो बीजेपी राष्ट्रपति तक को नहीं बख्शती। यह शर्मनाक है।
बता दें, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू बंगाल के दो दिवसीय दौरे पर हैं, जहां ममता की सरकार ने राष्ट्रपति के सम्मान में एक समारोह का आयोजन किया। राष्ट्रपति बनने के बाद द्रौपदी मुर्मू का यह पहला बंगाल दौरा है।
इस कार्यक्रम में बीजेपी का कोई नेता शामिल नहीं हुआ। खास बात यह है कि राष्ट्रपति मुर्मू का अपमान करने वाले टीएमसी मंत्री अखिल गिरी को भी इस कार्यक्रम में आमंत्रित किया गया।
राज्य सचिवालय के सूत्रों के मुताबिक नेताजी इंडोर स्टेडियम में राष्ट्रपति मुर्मू और ममता बनर्जी के कार्यक्रम में बंगाल के सभी सांसदों और विधायकों को आमंत्रित किया गया था।