जिन्हें गांव के विद्यालय में नहीं करनी है शिक्षक की नौकरी, वह दे दें इस्तीफा : के.के. पाठक

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बिहार : शिक्षा विभाग बिहार के अपर मुख्य सचिव के.के. पाठक ने कहा है कि बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) द्वारा शिक्षकों की नियुक्ति ग्रामीण क्षेत्र के विद्यालय की हुई है। जो शिक्षक ग्रामीण क्षेत्र में नहीं रह सकते हैं वह नौकरी छोड़ दें। गुरुवार की रात बेगूसराय पहुंचते ही के.के. पाठक सबसे पहले रात करीब 9:30 बजे डायट शाहपुर पहुंचे। जहां उन्होंने प्रशिक्षण ले रहे बीपीएससी उत्तीर्ण नवनियुक्त शिक्षकों से संवाद किया। अधिकारियों के साथ पहुंचे के.के. पाठक ने संवाद के बाद डाइट के विभिन्न व्यवस्थाओं को देखा तथा निरीक्षण एवं चर्चा करने कर अधिकारियों को निर्देश दिए।

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इसके बाद के.के. पाठक, डीएम रोशन कुशवाहा एवं जिला शिक्षा पदाधिकारी शर्मिला राय सहित अन्य अधिकारियों के साथ पीटीसी विष्णुपुर पहुंचे। यहां भी उन्होंने प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे नवनियुक्त शिक्षकों के साथ संवाद किया। प्रशिक्षण के व्यवस्थाओं एवं अन्य मुद्दों की जानकारी ली, उन्होंने पीटीसी का निरीक्षण भी किया। दोनों जगहों पर नवनियुक्त शिक्षकों के साथ संवाद में के.के. पाठक ने कहा है कि आप सबों को प्रशिक्षण समाप्त होते ही नियुक्ति पत्र मिल जाएगा। नियुक्ति पत्र सीसीटीवी कैमरे की निगरानी में कंप्यूटर द्वारा जनरेट होगा। जिसमें कहीं से कोई गड़बड़ी नहीं हो सकती है। कंप्यूटर तय करेगा कि आपको किस गांव में जाना है। आप सबों की नियुक्ति ग्रामीण क्षेत्र के विद्यालयों में होगी। के.के. पाठक ने सभी से उनके मूल निवास स्थान की जानकारी ली। इसके बाद कहा कि आप लोग नियोजित नहीं नियुक्त शिक्षक हैं। आपने अपनी मेघा, अपना मेरिट और सिंसेयरिटी को साबित कर दिया है। गांव में रहना है, जो गांव में नहीं रह सकते, उनके लिए यह नौकरी नहीं है, अभी भी नौकरी छोड़ दें। आपकी नियुक्ति से गांव के लोगों में जोश है। पूरे राज्य के सभी गांव में लोग आपका इंतजार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि गांव के विद्यालय में शहर के अंग्रेजी स्कूलों से बेहतर पढ़ाई दें। जिससे बच्चे कहने लगें कि अच्छी पढ़ाई के लिए चलो सरकारी स्कूल। सरकार को भी आपसे काफी आशा है, स्कूल जाएं और अच्छे से पढ़ाएं। इधर, रात में के.के. पाठक के बेगूसराय पहुंचते ही शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया है। शिक्षक से लेकर अधिकारी तक अलर्ट मोड में हैं।