शिक्षक भर्ती में अनियमितता: अभ्यर्थियों ने CM ममता बनर्जी के आवास के निकट प्रदर्शन किया

कालीघाट चौराहे को जाम कर दिया, जिससे यातायात ठप हो गया

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कोलकाताः शिक्षक भर्ती को लेकर सैकड़ों उम्मीदवारों ने बुधवार को यहां मुख्यमंत्री ममता बनर्जी(Chief Minister Mamta Banerjee)  के आवास के पास विरोध प्रदर्शन किया और आरोप लगाया कि भर्ती प्रक्रिया में अनियमितताओं के कारण वे स्कूलों में नियुक्ति से वंचित हो गये हैं।

वर्ष 2014 में शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) पास करने का दावा करने वाले प्रदर्शनकारियों ने सरकार-प्रायोजित और वित्त-पोषित प्राथमिक विद्यालयों में तुरंत नौकरी देने की मांग करते हुए दोपहर में कालीघाट चौराहे को जाम कर दिया, जिससे यातायात ठप हो गया।

उन्होंने अपनी मांगों को लेकर दबाव बनाने के लिए बनर्जी से मिलने की मांग की और दावा किया कि पुलिसकर्मियों ने उनके साथ धक्का-मुक्की की तथा जबरदस्ती प्रदर्शन स्थल से हटा दिया।

ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मियों को स्थिति नियंत्रित करने में काफी मशक्कत करनी पड़ी। सड़क खाली करने का आग्रह अनसुना कर दिये जाने के बाद पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को इलाके से हटाने के लिए बल प्रयोग किया।

प्रदर्शनकारियों को वाहनों में भरकर लालबाजार पुलिस मुख्यालय (Lalbazar Police Headquarters) ले जाया गया।

एक प्रदर्शनकारी ने कहा कि कड़ी मेहनत से पढ़ाई करने और परीक्षा पास करने के बावजूद मेधा सूची में हमारा नाम नहीं है। लेकिन सूची में नेताओं के नाम शामिल हैं। क्या यह न्याय का उपहास नहीं है? हम न्याय चाहते हैं।”

प्रदर्शनकारियों ने पश्चिम बंगाल प्राथमिक शिक्षा बोर्ड (डब्ल्यूबीबीपीई) द्वारा हाल ही में जारी की गई सूची का जिक्र किया, जिसमें ममता बनर्जी, शुभेंदु अधिकारी, दिलीप घोष, सुजान चक्रवर्ती के नाम थे, जिन्होंने परीक्षा पास कर ली है।

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नामों को लेकर हंगामे के बाद बोर्ड ने स्पष्ट किया था कि ये महज हमनाम हैं और हाल ही में इसकी वेबसाइट पर प्रकाशित मेधा सूची में अन्य उम्मीदवारों के नाम भी थे।

बोर्ड ने कहा कि ये हमनाथ थे और उम्मीदवारों की सूची में उम्मीदवार के माता-पिता के नाम और उनके संपर्क विवरण भी मौजूद थे।

सीबीआई कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश पर पश्चिम बंगाल प्राथमिक शिक्षा बोर्ड और स्कूल सेवा आयोग द्वारा प्राथमिक एवं माध्यमिक विद्यालय के शिक्षकों की भर्ती में कथित अनियमितताओं की जांच कर रही है।