भारत को जी-20 की अध्यक्षता मिलना एक बड़ा अवसरः पीएम मोदी
‘मन की बात’ की 95 वीं कड़ी को पीएम ने किया संबोधित
नई दिल्लीः पीएम नरेन्द्र मोदी ने रविवार को कहा कि भारत को जी-20 की अध्यक्षता मिलना एक बड़ा अवसर है। देश को इसका पूरा उपयोग करते हुए ‘‘विश्व कल्याण’’ पर ध्यान केंद्रित करना है।
आकाशवाणी के मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ की 95 वीं कड़ी में अपने विचार साझा करते हुए पीएम ने यह कहा कि शांति हो या एकता, पर्यावरण के प्रति संवेदनशीलता हो या टिकाऊ विकास, भारत के पास इन सबसे जुड़ी चुनौतियों के समाधान हैं।
उल्लेखनीय है कि भारत आधिकारिक तौर पर एक दिसंबर को जी20 समूह की अध्यक्षता ग्रहण करेगा। भारत एक वर्ष के लिए जी20 का अध्यक्ष रहेगा। इस दौरान देश में 55 अलग-अलग जगहों पर संगठन की 200 से ज्यादा बैठकें होंगी।
मोदी ने कहा कि विश्व की आबादी में जी-20 की दो-तिहाई, विश्व व्यापार में तीन-चौथाई और वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 85 प्रतिशत भागीदारी है। भारत एक दिसंबर से इतने बड़े और सामर्थ्यवान समूह की अध्यक्षता करने जा रहा है।
उन्होंने कहा कि जी-20 की अध्यक्षता हमारे लिए एक बड़ा अवसर बनकर आई है। हमें इस मौके का पूरा उपयोग करते हुए विश्व कल्याण पर ध्यान केंद्रित करना है।
मोदी ने कहा कि चाहे शांति हो या एकता, पर्यावरण को लेकर संवेदनशीलता हो या फिर टिकाऊ विकास, भारत के पास इनसे जुड़ी चुनौतियों के समाधान हैं।
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उन्होंने कहा कि हमने वन अर्थ (एक पृथ्वी), वन फैमिली (एक परिवार), वन फ्यूचर (एक भविष्य) का जो नारा दिया है, वह वसुधैव कटुम् बकम के प्रति हमारे संकल् प को प्रदर्शित करता है।
The Presidency of G20 has arrived as a big opportunity for us. We have to make full use of this opportunity and focus on global good. #MannKiBaat pic.twitter.com/HicnxxNp6m
— PMO India (@PMOIndia) November 27, 2022
मोदी ने कहा कि जी-20 में आने वाले लोग भले ही एक प्रतिनिधि के रूप में आएं लेकिन वे भविष्य के पर्यटक भी हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि इतने बड़े आयोजन के दौरान देशवासी भारत की संस्कृति के विविध और विशिष्ट रंगों से दुनिया को अवगत कराएंगे।
पीएम ने कहा कि आने वाले दिनों में देश के अलग-अलग हिस्सों में जी-20 से जुड़े कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इस दौरान दुनिया के अलग-अलग हिस्सों से लोगों को विभिन्न राज्यों में जाने का मौका मिलेगा।
मोदी ने देशवासियों, खासकर युवाओं से आग्रह किया कि वे किसी न किसी रूप में जी-20 से जरूर जुड़ें। उन्होंने स्कूलों, कॉलेजों और विश्वविद्यालयों से भी आग्रह किया कि वे अपने संस्थानों में जी-20 विषय पर चर्चा, परिचर्चा और प्रतियोगिताओं का आयोजन करें।
आपको बता दें कि इस महीने इंडोनेशिया की अध्यक्षता में बाली में जी20 समूह की शिखर बैठक हुई थी। जिसमें पीएम नरेंद्र मोदी ने हिस्सा लिया था। इस अवसर पर उन्होंने जी-20 के प्रतीक चिह्न और भारत की अध्यक्षता के लिए बनाई गई एक वेबसाइट भी शुरू की थी।